अजमेर में कांग्रेस की जगहंसाई। आपस में ही फूंक रहे हैं तूले।
सांसद रघु शर्मा क्यों नहीं निभाते प्रभावी भूमिका।
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जिस अजमेर के नेतृत्व पांच वर्षों तक लोकसभा में सचिन पायलट ने किया उसी अजमेर में इन दिनों कांग्रेस की जग हंसाई हो रही है। शहर कांग्रेस कमेटी से जुडे़ नेता आपस में ही एक दूसरे के पुतले फूंक रहे हंै। कोई नेता स्वयं को शहर अध्यक्ष विजय जैन का समर्थक बताता है तो कोई विरोधी। कांग्रेसियों का आपसी विवाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी चपेट में ले रहा है। शहर कांग्रेस के महामंत्री नौरत गुर्जर ने स्पष्ट कर दिया कि किसी ने उनकी आईडी हैक कर फेसबुक पर राहुल गांधी के लिए प्रतिकूल टिप्पणी कर दी। हालांकि गुर्जर की सफाई के बाद राहुल गांधी से जुड़ा यह मामला शांत हो जाना चाहिए था, लेकिन दूसरे गुट ने गुर्जर का पुतला ही फूंक दिया। गुर्जर का पुतला फूंकते ही देवसेना मैदान में कूद पड़ी और देव सेना ने यासिर चिश्ती आदि का पुतला जला दिया। यानि कांग्रेसी आपस में ही उलझे हुए हैं। जबकि यहां के कांग्रेसी अच्छी तरह जानते हैं कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट का अजमेर में सीधा दखल है। लेकिन इसके बावजूद भी पुतला फूंकने वाले नेताओं को कोई डर नहीं है।
अध्यक्ष जैन पर भेदभाव का आरोपः
असल में शहर अध्यक्ष विजय जैन की कार्यशैली को लेकर कुछ कांग्रेसी नाराज हैं। यही वजह है कि रही कि प्रताप यादव, नौरत गुर्जर, कैलाश झालीवाल, सुरेश लद्दड़ जैसे नेताओं ने क्षेत्रीय सांसद रघु शर्मा से केकड़ी में मुलाकात की। लेकिन सांसद शर्मा ने कोई दखल देने से इंकार कर दिया। असल में सांसद शर्मा भी जानते है कि अजमेर कांग्रेस के पदाधिकारियों का फैसला पायलट स्वयं करते हैं। ऐसे में सांसद शर्मा किसी विवाद में उलझना नहीं चाहते हैं। यदि सांसद शर्मा दखल दें तो छोटे छोटे विवाद तो निपटाए जा सकते हैं। सांसद शर्मा को इस ताजा विवाद पर पायलट से भी बात करनी चाहिए।