अजमेर के डिप्टी मेयर सम्पत सांखला के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलेगा। पार्षद के चुनाव में दसवीं पास का झूठा शपथ पत्र देने का मामला। अनेक भाजपा पार्षदों की लार टपकी।
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अजमेर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश मीणा ने अजमेर के डिप्टी मेयर सम्पत सांखला ने विरोध आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दे दिया है। वर्ष 2010 में पार्षद के चुनाव में 10वीं पास होने का झूठा शपथ पत्र देने के मामले में मजिस्ट्रेट मीणा ने सांखला के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 200 तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125-क में आरोपी माना है। अब इस मामले में आगामी 27 अगस्त को सुनवाई होगी। आरटीआई कार्यकर्ता सत्यनारायण गर्ग ने वकील विवेक पाराशर के जरिए अदालत में वाद दायर किया था। इसमें कहा गया कि सांखला ने वर्ष 2010 में पार्षद के नामांकन के समय स्वयं को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना बताया, लेकिन वहीं 2015 के चुनाव में सांखला ने स्वयं को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना बताया। इस संबंध में सांखला ने स्वीकार किया कि वर्ष 2010 में अज्ञानतावश 10वीं पास होने का शपथ पत्र दिया था। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई कि सांखला दो बार 9वीं कक्षा में फेल हो गए।
तलवार लटकीः
आपराधिक मुकदमा चलने के आदेश के बाद सम्पत सांखला के डिप्टी मेयर के पद पर तलवार लटक गई है। हालांकि डिप्टी मेयर के पद से इस्तीफा देने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। लेकिन अब सांखला पर इस्तीफे का नैतिक दबाव तो रहेगा ही। सांखल को अजमेर दक्षिण क्षेत्र की विधायक और मंत्री श्रीमती अनिता भदेल का समर्थक माना जाता है। श्रीमती भदेल भी नहीं चाहेंगी कि विधानसभा के पांच माह पहले उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो। वहीं भाजपा के अनेक पार्षदों में डिप्टी मेयर बनने की होड़ मच गई है। पार्षद नीरज जैन, जेके शर्मा, भागीरथ जोशी, रमेश सोनी, ज्ञान सारस्वत, चन्द्रेश सांखला आदि भी डिप्टी मेयर के पद पर ललचाई नजर से देख रहे हैं। सामान्य वर्ग के पार्षदों का कहना है कि नगर निगम में पहले ही सामान्य पद के मेयर के पद पर ओबीसी के धर्मेन्द्र गहलोत बैठे हैं। सम्पत सांखला भी ओबीसी वर्ग के हैं। यदि सांखला के हटने की नौबत आती है तो अब डिप्टी मेयर के पद पर सामान्य वर्ग के पार्षद को बैठाया जाए।