पांच कारोबारियों पर आयकर छापों से अजमेर के व्यापार जगत में खलबली। करोड़ों की बेनामी और अघोषित सम्पत्तियां मिलने की उम्मीद।
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12 सितम्बर को सुबह से ही अजमेर के व्यापार जगत में तब खलबली मच गई, जब आयकर विभाग ने एक साथ पांच कारोबारियों के यहां छापा मार कार्यवाही की। जानकार सूत्रों के अनुसार अजमेर के नया बाजार स्थित लकडी और प्लाइवुड कारोबारी राम प्रकाश, प्रेम प्रकाश, पड़ाव स्थित जैन नमकीन, हैचरीज कारोबारी पुष्कर रोड निवासी केवल रमानी, वैशाली नगर निवासी ब्रोकर सत्यनारायण जाजू तथा डीडराइटर अनिल भारद्वाज के मकानों, व्यापारिक स्थलों आदि पर एक साथ जांच पड़ताल की कार्यवाही की सूत्रों की माने तो कारोबारियों के यहां बेनामी और अघोषित सम्पत्तियां मिली है। जांच पड़ताल का काम जारी है। सूत्रों के अनुसार ब्रोकर सत्यनारायण जाजू के यहां हुई कार्यवाही से शहर के कई बड़े कारोबारी भी उलझ सकते हैं। असल में जाजू के माध्यम से बड़े पैमाने पर ब्याज पर पैसों का लेनदेन हो रहा था। हो सकता है कि अब ऐसे कारोबारियों से भी पूछताछ हो। इसी प्रकार जैन नमकीन के मालिक कमल जैन के परिजनों द्वारा होटल व्यवसाय करने की जानकारी भी आयकर विभाग को मिली, यहां अनेक सम्पत्तियों के कागजात भी मिले हैं। इसी प्रकार नया बाजार स्थित रामगोपाल, प्रेम प्रकाश वालों के यहां भी करोड़ों रुपए की सम्पत्तियों का पता चला है। पुष्कर रोड स्थित हैचरीज के मालिक केवल रमानी के यहां भी सम्पत्तियों और कृषि भूमि होने के कागजात मिले हैं। पुलिस लाइन स्थित डीडराइटर के यहां भी सम्पत्तियों के लेनदेन की जानकारी मिली है। डीडराइटर के यहां मिले कागजातों से भी अनेक कारोबारी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
व्यापार जगत में खलबलीः
आयकर विभाग की छापा मार कार्यवाही से अजमेर के व्यापार जगत में खलबली मच गई है। हालांकि जिन कारोबारियों पर कार्यवाही की गई उनकी छवि समाज में साफ सुथरी मानी जाती है। टैक्स की बड़ी मात्रा के रूप में सरकार को चुकाते हैं। बाजार में पहले से ही मंदी का दौर चल रहा है। ऐसे में छापा मार कार्यवाही का और प्रतिकूल असर पड़ेगा। इन कारोबारियों ने नोट बंदी के दौरान विभिन्न बैंकों में जो राशि जमा करवाई उस पर भी आयकर विभाग की नजर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि टैक्स की चोरी करने वालों और बेनामी सम्पत्तियों को रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही आयकर विभाग में निकटवर्ती चाचियावास क्षेत्र में बीस बीघा भूमि को बेनामी सम्पत्ति मानते हुए जप्त किया था।