इंदौर की सैफी मस्जिद में प्रधानमंत्री मोदी ने शाॅल ओढ़ा और इबादत करने वाली तस्बीह भी ग्रहण की। बोहरा मुसलमानों के धर्म गुरु सैय्यदना साहब ने मोदी के जीवन में गम नहीं आने के लिए दुआ की।
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14 सितम्बर को यह पहला मौका रहा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की किसी मस्जिद में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए। इंदौर में इमाम हुसैन की शहादत के असरा मुबारक का कार्यक्रम सैफी मस्जिद में हुआ। इस समारोह में भाग लेने के लिए दाउदी बोहरा समाज के धर्मगुरु सैय्यदना मुफद्दल सैफुद्दीन खासतौर से इंदौर आए। इसी समारोह में पीएम मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी भाग लिया। समारोह में धर्मगुरु सैय्यदना साहब ने पीएम मोदी को शाॅल ओढ़ाया और इबादत के लिए तस्बीह (माला) भी दी। मोदी ने पूरी अकीदत के साथ मुस्लिम धर्मगुरु के सामने सिर झुकाकर और आभार प्रकट किया। मस्जिद परिसर में बैठे मुसलमानों के बीच जाकर मोदी ने अभिवादन स्वीकार किया। अपने प्रवचन में सैय्यदना साहब ने कहा कि मेरी दुआ है कि मोदी को कभी गम न हो। भारत में मुसलमान बहुत सुकून और सम्मान के साथ रह रहा है। धर्मगुरु ने अपना पूरा प्रवचन गुजराती भाषा में देते हुए कहा कि वतन से मोहब्बत ही इमान है, जिस प्रकार हम अपने घर और मोहल्ले को साफ रखते हैं उसी प्रकार दिल भी साफ रहना चाहिए। 17 सितम्बर को पीएम मोदी के जन्मदिन की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि परवरगिदार हमेशा आपकी हिफाजत करे। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि असरा मुबारक के कार्यक्रम में भाग लेना मेरा सौभाग्य है। इमाम हुसैन साहब ने अन्याय और अहंकार के विरुद्ध आवाज को बुलंद किया था। उनका यह संदेश आज भी प्रसांगिक है। बोहरा समाज की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि माहत्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में डांडी यात्रा निकाली थी, तब महात्मा गांधी बोहरा समाज के पूर्व धर्मगुरु सैय्यदना साहब के घर ठहरे थे। आजादी के बाद इस सैफी विला को समाज ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। मैं तो दाउदी बोहरा समाज का सदस्य हंू। यहां आकर अपनापन महसूस करता हंू। धर्मगुरु सैय्यदना साहब ने मुझे जन्म दिन का जो आशीर्वाद दिया है। उससे मैं और ऊर्जा व ताकत के साथ देश की सेवा करुंगा।
भारत में 15 लाख दाउदी बोहरा मुसलमानः
नवम्बर में होने वाले तीन बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी का मस्जिद में जाना राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दाउदी बोहरा समाज की भारत में करीब 15 लाख की आबादी है और सैय्यदना मुफद्दल साहब को सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता है। सैय्यदना साहब के प्रति कितनी अकीदत है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके आगमन पर इंदौर में 2 लाख दाउदी बोहरा मुसलमान एकत्रित हुए हैं। 14 सितम्बर को इंदौर में सड़कों पर चलना मुश्किल था।