अमितशाह भी मानते हैं कि सीआर च ौधरी (सांसद) और वासुदेव देवनानी (शिक्षा राज्यमंत्री) जैसे नेताओं के प्रति नाराजगी है।

अमितशाह भी मानते हैं कि सीआर च ौधरी (सांसद) और वासुदेव देवनानी (शिक्षा राज्यमंत्री) जैसे नेताओं के प्रति नाराजगी है।
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राजस्थान में भाजपा के सांसदों और मंत्रियों के प्रति भाजपा के कार्यकर्ताओं और आम लोगों में कितनी नाराजगी है इसका आभास राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह को भी है। 18 सितम्बर को नागौर में भाजपा के अजमेर संभाग के शक्ति केन्द्र के प्रमुखों की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सीआर च ौधरी (नागौर के सांसद और केन्द्रीय मंत्री) व वासुदेव देवनानी (शिक्षा और पंचायती राज्यमंत्री) के प्रति नाराजगी हो सकती है, लेकिन भाजपा या भारत माता से कोई नाराज नहीं हो सकता। भाजपा का कार्यकर्ता भारत माता के लिए काम करता है। राजस्थान तो भाजपा का गढ़ है, इसलिए राजस्थान में अंगद की तरह भाजपा का पांव जमा है। झगड़ा व्यक्ति से हो सकता है पार्टी से नहीं। शक्ति केन्द्र के प्रभारियों का मनोबल बढ़ाने में शाह ने कोई कसर नहीं छोड़ी। शाह के तीन दिवसीय प्रदेश दौरे का 18 सितम्बर को अंतिम दिन था। इसी माह अमितशाह पहले भी 11 सितम्बर को जयपुर में भाजपा के कार्यकर्ता से संवाद कर चुके हैं। ऐसा आभास होता है कि अब शाह को राजस्थान की जमीनी हकीकत का पता चल गई है। शाह यह भी जान गए है कि किन सांसदों और विधायकों के प्रति लोगों में जबर्दस्त नाराजगी है। हालांकि सीआर च ौधरी और वासुदेव देवनानी के नामों का उल्लेख करने के बाद शाह ने इन दोनों नेताओं को नागौर में ही किसान सम्मेलन के मंच पर बैठाया। दोनों भाजपा नेताओं के चेहरे से साफ नजर आ रहा था कि वे मायूस हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि 11 सितम्बर के दौरे में अमितशाह ने साफ-साफ कहा था कि कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार पर नहीं बल्कि कमल के फूल पर वोट डलवाने हैं। जानकारों की माने तो अमितशाह के पास भाजपा के विधायकों और सांसदों की सूची है जिनका अपने क्षेत्र में विरोध है। भाजपा में चर्चा है कि 162 भाजपा विधायकों में से 100 के टिकिट कट जाएंगे।
28 को अंतिम प्रकाशनः
नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 18 सितम्बर को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भी जयपुर में प्रेस काॅन्फं्रेस की। रावत ने बताया कि इस बार 4 करोड़ 75 लाख 10 हजार मतदाता दर्ज किए गए हैं। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 28 सितम्बर को कर दिया जाएगा। रावत ने यह तो नहीं बताया कि चुनाव की घोषणा कब होगी। लेकिन सख्त लहजे में कहा कि घोषणा होते ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएंगी। जयपुर दौरे के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी मुलाकात की। उनका कहना रहा कि सरकार के विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगवाई जावे। रावत ने बताया कि ईवीएम मशीन की गोपनीयता बनी रहे इसके लिए मशीन की टेबल पर लगने वाले बोर्ड की ऊंचाई को 20 इंच किया गया है।
एस.पी.मित्तल) (18-09-18)
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