राजस्थान में मुख्यमंत्री के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं आईएएस तन्मय कुमार।
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Sp mittal
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September 19, 2018
राजस्थान में मुख्यमंत्री के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं आईएएस तन्मय कुमार। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लगाया गंभीर आरोप। निरंजन आर्य भी रहे थे चर्चित।
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18 सितम्बर को पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने जयपुर में पत्रकारों से संवाद किया। गहलोत ने कहा कि आईएएस तन्मय कुमार सीएमओ में बैठकर अदृश्य मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रहे हैं। अपने दूसरे कार्यकाल में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने तन्मय कुमार को ही आगे कर रखा है। कहने को तो तन्मय कुमार मुख्यमंत्री के सचिव हैं, लेकिन उन्हीं के इशारे पर सरकार चल रही है। चाहे भ्रष्टाचार का मुद्दा हो या फिर प्रशासनिक अधिकारियों को प्रताड़ित करने का मामला हो। यहां तक कि मंत्रियों और विधायकों को भी तन्मय कुमार के माध्यम से सीएम से मिलना पड़ता है। तन्मय कुमार आईएएस के सेवा नियमों को भी भूल गए हैं। अशोक गहलोत का यह वीडियो मेरे फेसबुक पेज पर देखा जा सकता है। असल में राजस्थान के प्रशासनिक और राजनीतिक क्षेत्रों में तन्मय कुमार की भूमिका को लेकर नाराजगी है, लेकिन किसी की भी हिम्मत तन्मय कुमार के खिलाफ बोलने की नहीं हुई। सीएम राजे तो तन्मय के विरुद्ध एक शब्द भी सुनने को तैयार नहीं है। सीएम के परिवार के कार्य हों या सरकारी सभी में तन्मय की भूमिका रही है। जानकारों की माने तो धौलपुर राज घराने की भूमि का राजस्व मंडल में लंबित विवाद भी जल्द निपटाने में तन्मय की भूमिका रही। यह पहला अवसर रहा जब पूर्व सीएम ने तन्मय के खिलाफ सीधा हमला बोला है।
गहलोत के शासन में निरंजन आर्य थे तन्मय कुमारः
आज भले ही अशोक गहलोत सीएम के सचिव तन्मय कुमार की भूमिका पर सवाल उठा रहे हों, लेकिन राजस्थान के अधिकारी और राजनेता अच्छी तरह जानते हंै कि पांच वर्ष पहले जब गहलोत सीएम थे, तब आईएएस निरंजन आर्य ही सर्वेसर्वा बने हुए थे। आर्य भी तन्मय की तरह सीएम के सचिव रहे। गहलोत को तो आर्य से इतना लगाव हो गया था कि उनकी पत्नी संगीता आर्य को पाली जिले से कांगे्रस का उम्मीदवार भी बना दिया गया। हालांकि आर्य चुनाव हार गई। चूंकि वसुंधरा राजे को निरंजन आर्य की भूमिका के बारे में पता था, इसलिए अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में आर्य को किसी भी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति नहीं दी। इसलिए आर्य बेसब्री से वसुंधरा सरकार की विदाई का इंतजार कर रहे हैं। यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो देखना होगा कि तन्मय कुमार का हाल क्या होता है?