आखिर अपनी ही गहलोत सरकार पर हमला क्यों कर रहे हैं राहुल गांधी?

आखिर अपनी ही गहलोत सरकार पर हमला क्यों कर रहे हैं राहुल गांधी? क्या यह सचिन पायलट को सीएम बनाने की ओर इशारा है?
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राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन पिछले दो दिनों से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान में अपनी अशोक गहलोत सरकार पर हमला करते देखे गए। राहुल ने 9 अक्टूबर को धौलपुर तथा 10 अक्टूबर को बीकानेर में चुनावी सभा को संबोधित किया। दोनों ही सभाओं में प्रदेश की जनता का भरोसा दिलाया कि अब कांगे्रस में पहले जैसा नहीं चलेगा। राजस्थान में बनने वाली कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और अफसरों के कमरे आम लोगों के लिए खुले रहेंगे। कोई मंत्री दरवाजा बंद कर अपने कमरे में नहीं बैठा रहेगा। पहले जनता की सुनी जाएगी। सब जानते है कि वर्ष 2008 से 2013 तक राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी, तब यह आरोप लगे कि सरकार के मंत्री बंद कमरों में बैठे रहते हैं और जनता की कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसी शिकायतों के चलते ही चुनाव में कांग्रेस को 200 में से मात्र 21 सीटें ही मिली। भाजपा को 163 सीटें मिलने से प्रतीत था कि प्रदेश की जनता में कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों आदि के प्रति भारी गुस्सा था। शायद राहुल गांधी अब नहीं चाहते कि पुरानी गहलोत सरकार की खराब ईमेज का नुकसान इन चुनावों में हो। हालांकि राहुल गांधी ने धौलपुर और बीकानेर की सभाओं में मुफ्त दवा योजना का नाम लेकर गहलोत की प्रशंसा भी की, लेकिन गहलोत सरकार की कार्य प्रणाली पर अप्रत्यक्ष तौर पर नाराजगी भी जताई। दोनों सभाओं में गहलोत के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट भी थे। सब जानते है कि कांग्रेस ने अभी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया हैं, लेकिन राहुल गांधी की पहली पसंद पायलट ही माने जाते हैं। पायलट को सीएम बनाने पर ही तो मंत्रियों के दरवाजे खुले रहेंगे। राहुल गांधी ने किस नजरिए से पुरानी सरकार पर हमला बोला, यह तो वे ही जाने, लेकिन गहलोत के समर्थक मायूस है। क्योंकि गत बार गहलोत ने अल्पमत की सरकार चलाई थी। गहलोत ने अपनी जादुई कार्यशैली से पांच साल कांग्रेस की सरकार को टिकाए रखा। यहां तक बहुतमत हासिल करने के लिए बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाया और डाॅ. किरोड़ीलाल मीणा की साक्षर पत्नी श्रीमती गोलमादेवी तक को मंत्री बना दिया। ऐसे में गहलोत को गैर कांग्रेसी विचारधारा वाले विधायकों को भी मंत्री बनाना पड़ा था। राहुल गांधी के ताजा भाषणों से पायलट के समर्थक उत्साहित हैं। समर्थकों को पायलट के ही मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद है।
एस.पी.मित्तल) (11-10-18)
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