अजमेर के सरकारी जनाना अस्पताल में टूटी व्हील चेयर पर ग्रामीण महिला का प्रसव होना, बेहद शर्मनाक।

अजमेर के सरकारी जनाना अस्पताल में टूटी व्हील चेयर पर ग्रामीण महिला का प्रसव होना, बेहद शर्मनाक। आखिर कहां जा रहा है पैसा?
=========
सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए सरकार करोड़ों रुपया खर्च कर रही है। ग्रामीण महिला को तो यहां तक सुविधा है कि उसे सरकारी एम्बुलैंस घर से लाएगी और प्रसव के बाद वापस सम्मान से घर छोड़ कर आएगी। अस्पताल में प्रसव निःशुल्क होगा और सरकार की ओर से अनेक लाभ भी मिलेंगे। राजस्थान में तो सरकार की ओर से लड़की के जन्म पर नकद राशि भी दी जाती है और जब लड़की बालिग होती है तो उसे 50 हजार रुपए मिलते हैं। राज्यों के सरकारी अस्पतालों में केन्द्र सरकार की अनेक योजनाएं चल रही हैं जिन करोड़ों रुपया खर्च हो रहा है। ऐसे में संभाग स्तरीय सरकारी अस्पताल में ग्रामीण महिला वार्ड में जाने के लिए रिसेप्शन पर ही ट्राॅली के लिए तड़पती रहे और टूटी वहील चेयर पर उसका प्रसव हो जाए तो बेहद ही शर्मनाक बात है। ऐसा ही वाकया 13 अक्टूबर को अजमेर संभाग के सबसे बड़े सरकारी जनाना अस्पताल में हुआ। नागौर की महिला मंदादेवी जब प्रसव के लिए अस्पताल पर पहुंची तो पहले उसे वार्ड में ले जाने के लिए ट्राॅली नहीं मिली और जब दर्द ज्यादा होने लगा तो चिकित्सा कर्मियों ने टूटी व्हीलचेयर पर बैठा दिया। अस्पताल के चिकित्साकर्मियों के लिए यह बेहद ही शर्मनाक बात रही कि प्रसव टूटी व्हील चेयर पर ही हो गया। ग्रामीण महिलाओं की पीड़ा का अहसास करते हुए जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर घर में शौचालय बनवा रहे हैं। उन्हें यह जानकर आश्चर्य होगा कि अजमेर के जनाना अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों ने टूटी व्हील चेयर पर ही नागौर की महिला मंदादेवी का प्रसव करवा दिया। कल्पना की जा सकती है कि हाथ में ग्लुकोज की सुई के बीच टूटी व्हील चेयर पर प्रसव होने से मंदादेवी को कितनी वेदना हुई होगी? सवाल उठता है कि जब हकदार ग्रामीण महिला को साधनों की जरुरत होती है, तब केन्द्र और राज्य सरकार के साधन कहां चले जाते हैं। ऐसी शर्मनाक घटनाएं ही सरकार के दावों की पोल खोल देती है। सवाल उठता है कि मंदा देवी का प्रसव सही तरीके से क्यों नहीं करवाया गया? गंभीर बात तो यह रही है कि जब एक पत्रकार ने अस्पताल की अधीक्षक कांति मेहरदा से घटना के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने घर पर होने की बात कह कर अनभिज्ञता जताई। यानि इतने बड़े हादसे को भी गंभीरता से नहीं लिया गया।
सख्त कार्यवाही होनी चाहिएः
जिस तरह यह घटना सामने आई है उसे देखते हुए प्रशासन को दोषी चिकित्सा कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। जहां तक जनाना अस्पताल के प्रबंधन का सवाल है तो वह अभी से ही इस मामले में लीपापोती करने में लग गया है।
एस.पी.मित्तल) (14-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...