आखिर हनुमान बेनीवाल ने कर ही लिया राजस्थान में तीसरे मोर्चे का गठन।

आखिर हनुमान बेनीवाल ने कर ही लिया राजस्थान में तीसरे मोर्चे का गठन। घनश्याम तिवाड़ी, सपा, लोकदल आदि का समर्थन मिला। कांग्रेस भाजपा दोनों के लिए चुनौती।
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 आखिर 29 अक्टूबर को निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान में तीसरे मोर्चे गठन कर ही लिया। इस मोर्चे से पहले बेनीवाल ने जयपुर में आयोजित किसान हुंकार रैली में अपने नई राजनीतिक दल की घोषणा भी की। बेनीवाल ने अपने दल का नाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी रखा है तथा चुनाव चिन्ह के तौर पर बोतल रजिस्टर्ड करवाया है। पार्टी का झंडा हरा और पीला रखा है। बेनीवाल की रैली में बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण उपस्थित रहे। रैली में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भी शामिल होना था, लेकिन वे किन्हीं कारणों से नहीं आ पाए, लेकिन बेनीवाल को अपना पूर्ण समर्थन देने का ऐलान उनके प्रतिनिधि ने किया। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और पूर्व सांसद जयंत च ौधरी रैली में मौजूद थे। इसी प्रकार भारत वाहिनी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक घनश्याम तिवाड़ी भी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त छोटे दलों ने भी अपना प्रतिनिधि भेज कर बेनीवाल के प्रति समर्थन जताया। बेनीवाल भी उपस्थित नेताओं और भीड़ को देखकर उत्साहित नजर आए। उन्होंने साफ कहा कि अब राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर किसान का बेटा बैठेगा। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ने ही प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया है। इस मौके पर घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार भ्रष्टतम सरकार है। जिसे आगामी 7 दिसम्बर को उखाड़ फंेकना है। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत च ौधरी ने कहा कि उनके दल का पूर्ण समर्थन बेनीवाल के मोर्चे को हैं। उन्होंने कहा कि यदि एकजुट होकर चुनाव लड़ा जाएगा तो राजस्थान से भाजपा और कांग्रेस दोनों को भगाया जा सकता है।
कांग्रेस-भाजपा को चुनौतीः
अपनी रैली में तीसरे मोर्चे का गठन कर बेनीवाल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को राजनीतिक चुनौती दी है। बेनीवाल ने 29 अक्टूबर को जिस तरह अकेले दम पर शक्ति प्रदर्शन किया, उससे प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में अन्य दलों का भी समर्थन बेनीवाल को मिल सकता है। यदि बेनीवाल के साथ छोटे दल मिल कर चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस-भाजपा दोनों के लिए चुनौती होगी। हालांकि विगत दो दिनों में राजपूत समाज और आम आदमी पार्टी की ओर से जयपुर में सभाएं की गई लेकिन इन दोनों ही सभाओं में अपेक्षित भीड़ नहीं जुट सकी। जबकि 29 अक्टूबर को बेनीवाल की रैली में जबर्दस्त भीड़ देखी गई। एक अनुमान के मुताबिक दो लाख लोग बेनीवाल की रैली में मौजूद रहे। हालांकि आयोजकों ने इससे भी ज्यादा का दावा किया है। रैली की वजह से जयपुर में यातायात में भी बा धा रही। उल्लेखनीय है कि बेनीवाल को राजस्थान के जाट समुदाय में खास समर्थन मिला हुआ है। वर्तमान में बेनीवाल नागौर जिले के खींवसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। नागौर में भी बेनीवाल का दबदबा है। बेनीवाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को उपस्थित कर बेनीवाल ने अपनी राजनीतिक ताकत दिखा दी है।
एस.पी.मित्तल) (29-10-18)
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