पुष्कर में राहुल गांधी की ओर से लिखा गया संदेश फिर मजाक बनेगा। आखिर राहुल के दरबारी ध्यान क्यों नहीं देते?
========
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर अपने विरोधियों को मजाक उड़ाने का मौका दे दिया है। राहुल ने 26 नवम्बर को पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना की। इस मौके पर राहुल गांधी के पारिवारिक पुरोहित रामनाथ और दीनानाथ ने रजिस्टर में अपने अनुभव लिखने का आग्रह किया। राहुल ने रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिए और पूर्व सीएम अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को हस्ताक्षर के उपर संदेश लिखवाने का इशारा कर दिया। लेकिन पूजा समाप्ति के बाद किसी भी नेता ने राहुल के संदेश को पुरोहित के रजिस्टर में नहीं लिखा। ऐसे में पुरोहित के पुत्र विश्वनाथ ने अपने विवेक से संदेश लिख लिया। हालांकि यह संदेश विश्वनाथ ने अपने विवेक से लिखा, लेकिन यह संदेश राहुल गांधी का ही माना जाएगा। संदेश में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उसे कभी भी किसी राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की भाषा नहीं कहा जा सकता चूंकि इस संदेश के नीचे राहुल गांधी के हस्ताक्षर है, इसलिए विरोधियों को मजाक उड़ाने का पूरा अवसर मिलेगा। राहुल के संदेश की भाषा इस प्रकार है
जय हिन्द
वंदे मातरम्
भारत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
मैं राहुल गांधी s/o श्री स्वर्गीय राजीव गांधी।
आज दिनांक 26.11.2018 सोमवार को राजीखुशी पुष्कर दर्शन व पूजा अर्चना करने आया।
मेरे कुल पुरोहित दीनानाथ कौल व राजनाथ कौल द्वारा पूजन करके मन प्रसन्न हो गया। मैं भारत व विश्व में अमन चैन व शांति की कामना करता हंू।
सवंत 2075 मगसर वदी चैथ सोमवार
राहुल गांधी।
कई बार कांगे्रस के विरोधी राहुल गांधी के गौत्र के बारे में जानना चाहते हैं, यदि इस संदेश को राहुल गांधी का माना जाए तो राहुल ने अपना गौत्र भी सार्वजनिक कर दिया है। यानि राहुल गांधी कौल जाति के हैं। देखना होगा कि पुष्कर के इस संदेश पर विरोधियों की क्या क्या प्रतिक्रिया आती हैं। राहुल गांधी के हस्ताक्षर वाला यह संदेश मेरे फेसबुक पेज पर देखा जा सकता है।