गहलोत के सीएम बनने के आसार। सोनिया और प्रियंका की भूमिका।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होगी-बेनीवाल।
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13 दिसम्बर को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वरिष्ठ नेताओं को जो विचार विमर्श हुआ, उसे देखते हुए यह माना जा रहा है कि अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम होंगे। यह तीसरा अवसर होगा, जब गहलोत सीएम बनने जा रहे हैं। सीएम के पद पर गहलोत की ताजपोशी करवाने में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की सक्रिय भूमिका मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी चाहते थे कि सचिन पायलट सीएम बने। लेकिन सरकार चलाने का अनुभव नहीं होने की बात सामने रखकर पायलट को पीछे ढकेल दिया गया। गहलोत सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को यह समझाने में सफल रहे कि लोकसभा चुनाव में सफलता पाने के लिए उनका मुख्यमंत्री बनना जरूरी है हो सकता है कि राॅबर्ट वाॅड्रा की राजस्थान की जमीनों के मामले भी गहलोत की ओर से बताए गए हो। यदि गहलोत मुख्यमंत्री के पद पर रहते हैं तो ऐसे मामलों को आसानी से निपटाया जा सकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग से लेकर ईडी तक बीकानेर और उसके आसपास में राॅबर्ट वाड्रा की कंपनी द्वारा खरीदी गई करोड़ों रुपए की जमीनों की जांच की जा रही है। कहा जा रहा है कि इन परिस्थितियों को देखते हुए ही सोनिया गांधी और प्रियंका को 13 दिसम्बर की सुबह सुबह राहुल गांधी के निवास पर जाना पड़ा। हालांकि इन सबसे प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट और उनके समर्थकों को निराशा हुई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि पायलट पिछले पांच वर्ष से लगातार राजस्थान में संघर्ष कर रहे थे। पायलट के संघर्ष की वजह से ही कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है। अशोक गहलोत जब 2013 में सीएम के पद से हटे तब राजस्थान में कांग्रेस के पास मात्र 21 सीटें थीं।
बेनीवाल की धमकी:
अशोक गहलोत के सीएम बनने पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि मई में होने वाले लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा। बेनीवाल ने कहा कि गहलोत दो बार राजस्थान के सीएम रह चुके हैं और उनके कार्यकाल में किसानों की दुर्दशा हुई है। वे सचिन पायलट के समर्थक नहीं है, लेकिन यदि कांग्रेस पायलट को सीएम बनाती है कि तो उनकी पार्टी के तीनों विधायकों के साथ-साथ पांच और निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत प्रदेश को बर्बाद कर देंगे। ये वो ही अशोक गहलोत है जिन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में मुझसे कहा था कि वसंुंधरा राजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। मैंने एफआईआर दर्ज भी करवाई, लेकिन अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल में वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। असल में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत और वसुंधरा एक दूसरे के पूरक हैं। वसुंधरा राजे जब विपक्ष में होती हैं तो गहलोत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती हैं। लेकिन जब सत्ता में आती हैं तो गहलोत के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती। उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर किसान का बेटा विराजमान हो। मैं इसके लिए लगातार संघर्ष करता रहंूगा।