राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ संसद का भरपूर इस्तेमाल किया।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ संसद का भरपूर इस्तेमाल किया। संसद की मर्यादा तार-तार हुई।
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2 जनवरी को लोकसभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने पुरजोर तरीके से राफेल विमान का मामला उठाया। हालांकि एआईडीएमके के सांसद अपनी मांगों को लेकर संसद में शोर गुल कर रहे थे, लेकिन फिर भी राहुल गांधी ने अपने अंदाज में प्रधानमंत्री पर जमकर हमला किया। राहुल गांधी के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कांग्रेस और राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगााए। दो जनवरी को जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया वो संसद की मर्यादा के विपरीत थे। कांग्रेस और भाजपा इस बात से खुश हो सकते हैं कि आरोप-प्रत्यारोप के लिए संसद का इस्तेमाल किया है। लेकिन इसे देश के स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए किसी भी दृष्टि में उचित नहीं ठहराया जा सकता। राहुल गांधी  देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। लेकिन दो जनवरी को लोकसभा में राहुल के आचरण को भी उचित नहीं ठहराया जा सकता। राहुल ने अपने भाषण के दौरान जिस तरह लोकसभा की अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन का बार बार मजाक उड़ाया, इसे भी लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता। इसमें कोई दो राय नहीं की तीन राज्यों की जीत से उत्साहित राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करने के लिए संसद का भरपुर इस्तेमाल किया। राहुल ने पुरानी बातों को दोहराते हुए कहा कि राफेल विमान खरीद में घोटाले के लिए प्रधानमंत्री सीधे जिम्मेदार हैं। संसद में हंगामा तब ओर जोरदार हो गया, जब गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे का आॅडियो टेप चलाने का प्रयास राहुल गांधी ने किया। जिस अंदाज में राहुल ने टेप चलाने की कोशिश की उससे खफा होकर लोकसभा अध्यक्ष को कोई दस मिनट के लिए कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। दोबारा से कार्यवाही शुरू होने पर लोसकभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को समझाया कि वो ऐसा कोई कृत्य न करे जिससे संसद की मर्यादा और नियम टूटते हो। इस पर राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया कि वे टेप को संसद में नहीं चलाएंगे। लेकिन बाद में राहुल ने टेप के अंश संसद में सुनाए। राहुल गांधी का कहना रहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राफेल विमान में तीस करोड़ रुपए की राशि अपने दोस्त उद्योगपति अनिल अम्बानी को दे दी है। राहुल ने विमान खरीद पर जेपीसी की मांग भी की।
राहुल के आरोप झूठे-जेटली:
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया। जेटली ने कहा कि राहुल गांधी के परिवार ने नेशनल हेराल्ड की सम्पत्ति को हड़पा है। इस सच्चाई को छिपाने के लिए लोकसभा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। राहुल का एक एक शब्द झूठा है। जिस आॅडियो टेप का हवाला दिया जा रहा है उसे मंत्री विश्वजीत राणे ने स्वयं फर्जी करार दे दिया है। जेटली का आरोप रहा कि यह टेप फर्जी तरीके से कांग्रेस ने तैयार करवाया है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस तो नेशनल हेराल्ड से लेकर अगस्ता हेलीकाॅप्टर घोटाले के आरोपों से घिरी हुई है। राफेल पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना निर्णय दे दिया है, लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे है। राहुल राफेल खरीद पर जो सवाल उठा रहे हैं उन सबके जवाब सुप्रीम कोर्ट ने दिए है। अगस्ता हेलीकाॅप्टर घोटाले में तो मिसेज गांधी और राहुल गांधी तक का नाम सामने आया है। उन्होंने कहा कि राफेल खरीद पूरी तरह पारदर्शी है। सेना ने 2001 में ही राफेल विमान की मांग की थी। कांग्रेस ने अपने शासन में विमान नहीं खरीदा और अब जब भाजपा की सरकार खरीद रही है तो झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। असल में यूपीए सरकार में जो भी सौदे हुए उनमें दलाल शामिल थे। जबकि राफेल में कोई दलाल नहीं है। विमान खरीदने का सौदा सीधे फ्रांस की सरकार से किया गया है। संसद में जब अरुण जेटली बोल रहे थे, तब मां-बेटे चोर हैं कि नारे लग रहे थे।
एस.पी.मित्तल) (02-01-19)
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