106 भूखंड, 25 दुकानें, पेट्रोल पम्प, चार ट्रक, एक टेंकर आदि का मालिक निकला नारकोटिक्स विभाग का  एडिशनल   कमिश्नर सहीराम मीणा।

106 भूखंड, 25 दुकानें, पेट्रोल पम्प, चार ट्रक, एक टेंकर आदि का मालिक निकला नारकोटिक्स विभाग का  एडिशनल   कमिश्नर सहीराम मीणा। एक लाख रुपए की रिश्वत लेते कोटा में पकड़ा था। घर की तलाशी में तो दो करोड़ 35 लाख रुपए नकद मिले। बेटी उत्तराखंड में आईएएस। बहु का भाई लालसोट से रहा भाजपा उम्मीदवार।
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जहां आम आदमी को जिन्दगी भर संघर्ष करने के बाद एक भूखंड बड़ी मुश्किल से उपलब्ध होता है, वहीं राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा में तैनात नारकोटिक्स विभाग के एडिशनल कमिश्नर सहीराम मीणा को पकड़ा है जिसके पास 106 भूखंड, 25 दुकानें दो औद्योगिक प्लाट, एक पेट्रोल पम्प, चार ट्रक, एक टेंकर, चार कारें आदि सहित करोड़ रुपए की सम्पत्ति मिली है। तीन-चार लाॅकरों में रखा सोना-चांदी आदि बाहर आना शेष है। इतना ही नहीं जयपुर स्थित आवास की तलाशी लेने पर ब्यूरो को दो करोड़ 35 लाख रुपए की नकद राशि भी मिली है। ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक शरद च ौधरी ने बताया कि भ्रष्टाचार और आय से अधिक सम्पत्ति का यह अनोखा मामला है। हो सकता है कि देश में यह पहला मामला हो। राजस्थान के कोटा चित्तौड़ आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है। यही वजह है कि नेशनल नारकोटिक्स ब्यूरो ने अपने अधिकारी तैनात कर रखे हैं। इसी प्रशासनिक ढांचे में सहीराम मीणा को कोटा में विभाग का एडीशनल कमिश्नर नियुक्त कर रखा है। मीणा के बारे में एसीबी को लगातार शिकायतें मिल रही थी। यही वजह रही कि मोबाइल सर्विलेंस पर रखा गया। तभी एसीबी को पता चला कि नारकोटिक्स विभाग का मुखिया (निगरानीकर्ता) बनाने के लिए सहीराम मीणा रिश्वत की मांग कर रहा है। यह रिश्वत कमलेश धाकड़ नाम के व्यक्ति से मांगी जा रही है। एसीबी ने पहले 26 जनवरी को कोटा में बड़ा आॅपरेशन कर मीणा को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। चूंकि कमलेश धाकड़ ने पहले कोई शिकायत नहीं की। इसलिए भ्रष्टाचार के आरोप में कमलेश को भी गिरफ्तार किया गया। च ौधरी ने बताया कि जिन क्षेत्रों में अफीम की खेती होती है उन क्षेत्रों में नारकोटिक्स विभाग एक निगरानीकर्ता की नियुक्ति करता है जिसे मुखिया भी कहा जाता है। यह मुखिया गैर सरकारी होती है। मुखिया ही नाकोटिक्स विभाग और अफीम का उत्पादन करने वालों किसानों के बीच समन्वय का काम करता है। आरोप यह है कि संबंधित किसान को अफीम की खेती के लिए जितनी भूमि निर्धारित की जाती है उससे ज्यादा पर अफीम की खेती होती है। निर्धारित भूमि पर तैयार हुई अफीम तो नारकोटिक्स विभाग को समर्थन मूल्य पर बेच दी जाती है, लेकिन अवैध रूप तैयार की गई अफीम को काला बाजार में बेच कर लाखों रुपए का मुनाफा कमाया जाता है। यही वजह है कि विभाग का मुखिया बनने के लिए रिश्वत दी जाती है।
जांच का दायर बढ़ेगा:
पुलिस अधीक्षक च ौधरी ने बताया कि आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में अब सहीराम मीणा के खिलाफ जांच के दायरे को बढ़ाया जाएगा। जांच में प्रवर्तन निदेशायल और आयकर विभाग को भी सूचित किया जा रहा है।  सम्पत्तियों के जो कागजात मिले हैं, उनकी लागत का आंकलन करवाया जा रहा है। मीणा मकान से 25 दुकानों के जो कागजात मिले हैं उनमें कई दुकानंे जयपुर के प्रमुख काम्प्लेक्सों में हैं। दिल्ली और मुम्बई में फ्लेट के कागजात बरामद किए गए है। च ौधरी ने बताया कि दो करोड़ रुपए की नकद राशि गिनने के लिए एसीबी को नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी। यह सारी कार्यवाही एसीबी के डीजी कपिल गर्ग के दिशा निर्देश में हुई। इसमें आईजी दिनेश एनएम की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
बेटी आईएएस:
सहीराम मीणा की एक बेटी उत्तराखंड में आईएएस है। जबकि बेटे की पत्नी के भाई रामविलास ने लालसोट से हाल ही में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। जानकारों की माने तो मीणा स्वयं भी लालसोट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सेवानिवृत्ति की मंजूरी नहीं मिलने की वजह से चुनाव नहीं लड़ पाए। मीणा का छह माह बाद रिटायरमेेंट है। सूत्रों के अनुसार मीणा का भाजपा की राजनीति में दखल है। भाजपा में गत वर्ष शामिल हुए मीणा समुदाय के एक दिग्गज भाजपा नेता से भी सहीराम मीणा के मजबूत संबंध रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (27-01-19)
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