कांग्रेस को हरवाने वाला ही करेगा राहुल गांधी का स्वागत।
अजमेर में सेवादल के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियां जोरों पर।
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अजमेर में 13 व 14 फरवरी को होने वाले कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों को लेकर 4 फरवरी को अजमेर के इंडोर स्टेडियम में सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष और विधायक राकेश पारीक की उपस्थिति में एक बैठक हुई। इस बैठक में ही पारीक ने बताया कि 14 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत आदि बड़े नेता आएंगे। अधिवेशन में देशभर से सेवादल के पदाधिकारी भी भाग लेंगे। माना जा रहा है कि 14 फरवरी को अजमेर से ही राहुल गांधी प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रचार की शुरुआत करेंगे। यही वजह है कि सेवादल का अधिवेशन भी कायड़ विश्राम स्थली पर हो रहा है। अधिवेशन की तैयारियों के अंतर्गत ही अजमेर के प्रमुख चैराहों पर सेवादल की ओर से होर्डिंग भी लग गए हैं। इस होर्डिंग में राहुल गांधी से लेकर सेवादल के प्रदेश संगठक कुंदन सिंह रावत तक के फोटो हैं। प्रदेश संगठक होने के नाते रावत भी राहुल गांधी का स्वागत करेंगे। अधिवेशन की तैयारियों में रावत की सक्रिय भूमिका है। रावत की इसी भूमिका पर देहात कांग्रेस के उपाध्यक्ष और गत विधानसभा चुनाव में पुष्कर से कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं श्रीमती नसीम अख्तर के पति इंसाफ अली ने कड़ा एतराज जताया है। अली का कहना है कि पुष्कर में कांग्रेस को हरवाने में कुंदन सिंह रावत की भूमिका रही है। चूंकि रावत के सगे भाई सुरेश सिंह रावत ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, इसलिए कुंदन सिंह रावत ने खुलेआम कांग्रेस के खिलाफ काम किया। यहां तक अपने भाई को जीतवाने के लिए समुदाय विशेष के खिलाफ भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की। हमने आॅडियो सीडी और लिखित में शिकायत सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी भाई देसाई ने भरोसा दिलाया है कि राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले-पहले रावत को सेवादल के संगठक के पद से हटा दिया जाएगा। इंसाफ अली ने कहा कि यदि रावत के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती है तो अधिवेशन के दोनों दिनों अजमेर शहर में जगह जगह कुंदन सिंह रावत का आॅडियो टेप सुनाया जाएगा। रावत के खिलाफ अब तक कार्यवाही नहीं होने पर भी इंसाफ अली ने अफसोस जताया।
याचिका भी दायर:
पुष्कर से कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती नसीम अख्तर ने चुनाव को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है। याचिका पर विजयी उम्मीदवार सुरेश रावत और निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी हो चुके हैं। इस याचिका में भी कुंदन सिंह रावत के आॅडियो को मुख्य आधार बनाया गया है। वहीं कुंदन सिंह रावत सभी आरोपों को पहले ही नकार चुके हैं। रावत का कहना है कि श्रीमती अख्तर और उनके पति हार का ठीकरा बेवजह उन पर फोड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान मसूदा, नसीराबाद और केकड़ी में सक्रिय रहे। उन्होंने समुदाय विशेष के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की।