कार नहीं चलाते तो डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पीछे वाली सीट पर बैठना पड़ता।
सीएम अशोक गहलोत के पीछे बैठना पसंद नहीं।
इधर दरगाह में हजारों जायरीन परेशान हुए।
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13 मार्च को अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में उर्स के मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पवित्र मजार पर चादर पेश की। चादर की रस्म के लिए दोनों नेता जयपुर से विशेष विमान से पुलिस लाइन के मैदान पर उतरे। यहां से दोनों को एक ही कार में दरगाह तक जाना था। अशोक गहलोत हमेशा से आगे ही बैठते हैं, ऐसे में डिप्टी सीएम पायलट को पीछे वाली सीट पर बैठना था, लेकिन पायलट को यह पसंद नहीं रहा कि वे गहलोत के पीछे बैठे, इसलिए सचिन पायलट ने कार से ड्राइवर को उतारा और स्वयं ड्राइवर की सीट पर बैठ कर सीएम गहलोत के बराबर आ गए। हालांकि प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं चाहता था कि डिप्टी सीएम के पद पर बैठे व्यक्ति उर्स की भीड़ में सीएम को साथ बैठाकर कार चलाए, लेकिन पायलट की जिद के आगे अधिकारियों खासकर सुरक्षा अधिकारियों का विरोध धरा रह गया। बराबरी की होड़ में सचिन पायलट ने जोखिम लेकर उर्स मेला क्षेत्र में कार चलाई। जो लोग उर्स में अजमेर आए हैं उन्हें पता है कि दरगाह के आसपास जायरीन की कितनी भीड़ होती है। कारों का काफिला पुलिस लाइन से आगरा गेट, कोतवाली, नया बाजार धानमंडी और फिर दरगाह तक पहुंचा। सचिन पायलट कार को दरगाह के मुख्य द्वार तक लाए। लौटते समय भी पायलट ने कार चलाई।
सरकारी कार का उपयोग नहीं:
असल में कार चलाने की तैयारी सचिन पायलट ने पहले से कर रखी थी। हरियाणा नम्बर की काले रंग की लग्जरी कार को विशेष निर्देश में पुलिस लाइन के मैदान पर लाया गया। सचिन पायलट कार चला सके, इसलिए सरकारी कार का उपयोग नहीं किया गया। हालांकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी हुई है, लेकिन सीएम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस वाहनों का पूरा काफिला साथ रहा। पुलिस बस से लेकर एम्बुलैंस तक साथ रही।
जायरीन परेशान:
राहुल गांधी की चादर चढ़ाने की रस्म पर 13 मार्च को ख्वाजा साहब की दरगाह में हजारों जायरीन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। छह दिवसीय उर्स का 13 मार्च को पाचवां दिन रहा, इसलिए अजमेर में लाखों जायरीन का जमावड़ा है। लेकिन सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने देहली गेट से ही जायरीन की आवक रोक दी। गहलोत और पायलट जब तक दरगाह के अंदर रहे, तब तक किसी भी जायरीन को देहली गेट की ओर से दरगाह में नहीं जाने दिया गया। सीएम के काफिले को आसानी से गुजरने के लिए दरगाह बाजार में यातायात को पूरी तरह बंद कर दिया गया। कोई डेढ़ घंटे तक हजारों जायरीन देहलीगेट पर रुके रहे। उर्स के मौके पर जायरीन को रोकने को लेकर दरगाह के अनेक प्रतिनिधियों ने एतराज जताया। जायरीन ने भी नाराजगी प्रकट की।