चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की दमनकारी नीतियों के विरोध में केकड़ी बंद सफल। लोगों ने फिर जताया गुस्सा।
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टोंक में कांग्रेस के विधायक हरीश मीणा ने अपनी ही सरकार के विरूद्व पिछले 5 दिनों से मोर्चा खोल रखा है। वहीं 3 जून को प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा की दमनकारी नीतियों के विरोध में केकड़ी बंद पूर्ण सफल रहा। हालांकि बंद को विफल करवाने में रघु शर्मा और उनके समर्थकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन लोगों ने स्वेच्छा से बंद कर रघु शर्मा के प्रति गुस्सा जताया। रघु शर्मा केकड़ी से ही विधायक है, लेकिन मंत्री बनने के बाद रघु ने केकड़ी के लोगों को राहत देने के बजाए तंग करने का कार्य किया। जहां आम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, वहीं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के खिलाफ राजनीतिक द्वेषता से कार्यवाही करवाई। रघु के इस रवैए की वजह से ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रिजु झुनझुनवाला को केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से 39 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा। अब इस हार का गुस्सा भी रघु शर्मा केकड़ी के लोगों पर उतार रहे है। इससे कांग्रेस सरकार के सामने अनेक समस्याएं खड़ी हो गई है। सरकारी अस्पतालों की बदइंतजामी की खबरें रोजाना न्यूज चैनलों और अखबारों में आ रही है, लेकिन रघु शर्मा सिर्फ केकड़ी में उलझ कर रह गए है। लोकसभा चुनाव से पहले रघु ने अपने चिकित्सा महकमे के अधिकारियों को निर्देंश देकर केकड़ी के कई प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्यवाही करवाई। इस छापामार कार्यवाही से गुस्साएं लोगों ने चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हराया। रघु शर्मा इस हार से कोई सबक लेते इसके बजाए नगरपालिका के निर्वाचित अध्यक्ष अनिल मित्तल को निलंबित करवा दिया। निलंबन की कार्यवाही के विरोध में जब 3 जून के केकड़ी बंद का आह्वान किया गया तो 2 जून को पालिका अध्यक्ष की पत्नी के नाम से संचालित फैक्ट्री पर छापामार कार्यवाही करवा दी। यह कार्यवाही केकड़ी के लोगों को डराने-धमकाने के लिए की गई। जबकि रघु शर्मा का चिकित्सा विभाग ऐसी कार्यवाही पहले भी कर चुका है। दोनों ही बार साफ-सफाई की शिकायत के अलावा कुछ नहीं मिला। 2 जून को रघु ने जो कार्यवाही करवाई, उसी का परिणाम रहा कि 3 जून को केकड़ी पूरी तरह बंद रहा। खुद के निर्वाचन क्षेत्र में बंद न हो, इसके लिए रघु ने स्वयं लोगों को फोन किए और प्रशासन से धमकी दिलवाई कि जबरन बंद करवाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। लेकिन केकड़ी तो अपने आप बंद हो गया। बंद के दौरान आसपास के पुलिस स्टेशनों के जवानों को केकड़ी बुलाया गया।
बड़ी संख्या में जुटे लोग:
लोगों ने न केवल केकड़ी बंद कर गुस्सा जताया बल्कि एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन देने के लिए बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और केकड़ी के लोग शामिल हुए। ज्ञापन में जनसमस्याओं का उल्लेख करते हुए पालिका अध्यक्ष के निलंबन पर नाराजगी जताई गई। राज्यपाल से आग्रह किया गया कि वे मामले में दखल दें और केकड़ी के लोगों को राहत प्रदान करावें। ज्ञापन देने वालों में राजेन्द्र विनायका, राधेश्याम पोरवाल, रामनिवास तेली, राजेन्द्र चैधरी आदि शामिल है। एसडीएम रवि वर्मा ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
सीएम का भी नियंत्रण नहीं:
कांग्रेस की राजनीति में रघु शर्मा पर अब सीएम अशोक गहलोत का भी नियंत्रण नहीं है। जानकार सूत्रों के अनुसार यदि गहलोत का नियंत्रण होता तो वे कभी भी रघु को बदले की कार्यवाही नहीं करने देते। जोधपुर में तो गहलोत के पुत्र की हार हुई है, लेकिन जोधपुर में किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई और न ही राजनीतिक द्वेषता से छापामार कार्यवाही की गई। गहलोत जब जोधपुर में कोई कार्यवाही नहीं कर रहे तो केकड़ी में क्यों करवांगे ? सूत्रों की मानें तो रघु शर्मा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट का समर्थन है।