सचिन पायलट ने जमानत दी थी तो फिर जोधपुर से वैभव गहलोत कैसे चुनाव हार गए ? मुख्यमंत्री ने उठाया अहम मुद्दा।

सचिन पायलट ने जमानत दी थी तो फिर जोधपुर से वैभव गहलोत कैसे चुनाव हार गए ? मुख्यमंत्री ने उठाया अहम मुद्दा। अशोक गहलोत का राजस्थान की राजनीति में खलबली मचाने वाला इन्टरव्यू।

========================

3 जून को एबीपी न्यूज चैनल पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धमाकेदार इन्टरव्यू प्रसारित हुआ है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद गहलोत का किसी न्यूज चैनल पर यह पहला इन्टरव्यू है। माना जा रहा है कि इन्टरव्यू में अशोक गहलोत ने जो मुद्दे उठाए हैं उनसे आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में खलबली होगी। एबीपी के सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि यदि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने जमानत दी थी तो अब पायलट यह भी बताए कि मेरा बेटा जोधपुर से चुनाव कैसे हार गया। क्या कांग्रेस की हार पर मंथन नहीं होना चाहिए ? जहां तक मेरी जानकारी में है कि वैभव की उम्मीदवारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तय की थी। मेरे लिए वैभव की हार उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी अन्य उम्मीदवारों की। मैंने कभी भी बेटे और कार्यकर्ताओं में भेद नहीं किया। गहलोत ने इस बात पर अफसोस जताया कि दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने जो बात कही उसे मीडिया में गलत तरीके से प्रसारित करवाया गया। नेताओं के बेटों को उम्मीदवार बनवाने के सम्बन्ध में राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा उसके सन्दर्भ को देखा जाना चाहिए था। लेकिन मीडिया में ं सन्दर्भ से हट कर खबर को प्रसारित करवाया गया है। अव्वल तो ऐसी बातें बाहर नहीं आनी चाहिए। यह पार्टी का अन्दरूनी मामला है। गहलोत ने कहा कि जब जीत में हिस्सेदारी सभी लेते है तो फिर हार की जिम्मेदारी क्यों नहीं लेते ? जब हार की बात आती है तो मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। हार की जिम्मेदारी सामूहिक होती है।
राहुल इस्तीफा क्यों दे:
गहलोत ने सवाल उठाया कि लोकसभा चुनाव की हार के लिए राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा क्यों दे ? राहुल गांधी तो प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर निर्भर रहते हैं जिम्मेदारी तो हम जैसे नेताओं की है। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पूरी मेहनत के साथ कार्य किया। मात्र 44 सांसद होने के बाद भी पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार से मुकाबला किया। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के किसी भी नेता को पद की लालसा नहीं होनी चाहिए। किस नेता को किस पद पर बैठाया जाए यह काम शीर्ष नेतृत्व का है। यदि आज मुझे अन्य पद की जिम्मेदारी  दी  जाती है तो मै सहर्ष स्वीकार करूंगा। गहलोत ने याद दिलाया कि मैं तीन बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहा। इसके बाद मुख्यमंत्री बना। मैंने कभी भी किसी पद की लालसा नहीं की। राजस्थान में दो पावर सेन्टर होने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में तो एक भी पावर सेन्टर नहीं होना चाहिए। हमें कांग्रेस की चिन्ता करनी चाहिए। यदि हम अपनी चिन्ता करेंगे तो पार्टी के साथ न्याय नहीं होगा।
चुनाव आयोग को लिखेंगे पत्र:
गहलोत ने कहा कि दिसम्बर 2018 में मेरे नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार  बनते ही जनकल्याण के काम शुरू हो गए थे, लेकिन दो माह बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई, इससे सरकार का कामकाज ठप हो गया। आने वाले दिनों में पंचायती राज और स्थानीय निकाय के चुनाव होने है। प्रदेश में एकबार फिर आचार संहिता लग जाएगी।  बार-बार आचार संहिता लगने से सरकार का कामकाज प्रभावित होता है। मैं इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग को एक पत्र लिख रहा हूं। मैं चाहता हूं कि आचार संहिता के दौरान सरकार के सामान्य कामकाज होते रहे। गहलोत ने कहा कि यह मेरे भी समझ में नहीं आ रहा कि राजस्थान में सभी 25 सीटों पर कांग्रेस की हार कैसे हो गई। गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया और सेना की भूमिका का गलत तरीके से प्रचार किया। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाषा का ख्याल नहीं रखा।
एस.पी.मित्तल) (03-06-19)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
===========
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...