बड़बोले और झूठे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बर्खास्त किया जाए-सराफ।

बड़बोले और झूठे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बर्खास्त किया जाए-सराफ।
भ्रष्टाचार और लूट तो सराफ ने की थी-रघु शर्मा।
बजरी के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष जोशी और मंत्री शांति धारीवाल में विवाद।
रघु शर्मा विधानसभा अध्यक्ष से भी खफा।

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28 जून को राजस्थान विधानसभा में  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत होने वाली 2500 पदों की भर्ती का मामला जोरदार तरीके से उठा। पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा के विधायक कालीचरण सराफ ने सीएम अशोक गहलोत से मांग की कि बड़बोले और झूठे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। सराफ ने कहा कि जब भर्ती का घोटाला उजागर हुआ तो मंत्री ने साफ कह दिया कि उनको जानकारी नहीं है और न ही भर्ती के लिए उनसे अनुमति ली गई है। लेकिन दो दिन बाद ही मंत्री का झूठ उजागर हो गया। अब यह बात साफ है कि हेल्थ वर्करों के 2500 पदों पर रघु शर्मा की सहमति से ही भर्तियां हो रही थी। सरकार ने जब इस मामले में मिशन के एमडी समित शर्मा को हटा दिया है तो फिर मंत्री को भी बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। सराफ ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि जब रघु शर्मा विधानसभा में बैठे हैं तो फिर अपनी सफाई क्यों नहीं दे रहे? वहीं सदन से बाहर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि इस मामले में रघु शर्मा का कोई दोष नहीं है। उन्होंने अनियमितता उजागार होने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया।
अध्यक्ष और मंत्री में विवाद:
प्रदेश भर में हो रहे बजरी के अवैध खनन को लेकर भाजपा के विधायकों ने सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकारी संरक्षण में बजरी का अवैध कारोबार हो रहा है। हालात इतने खराब है कि बजरी के डम्पर पुलिस कर्मियों तक को कुचल रहे हैं। हंगामे के दौरान ही नगरीय एवं विकास मंत्री शांति धारीवाल विपक्ष के आरोपों का जवाब देना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष जोशी ने अनुमति नहीं दी। ऐसे में जोशी और धारीवाल के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा की जोशी अध्यक्ष के आसन से उठ गए और जाते जाते विधानसभा के कार्यवाही आधा घंटे के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। जोशी और धारीवाल में जो विवाद हुआ वह अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ। हंगामे के दौरान ही भाजपा के विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी किया।
भ्रष्टाचार और लूट तो सराफ ने की थी-रघु शर्मा।
विधानसभा की कार्यवाही के बाद मीडिया से संवाद करते हुए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि भाजपा शासन में जब कालीचरण सराफ चिकित्सा मंत्री थे, तब उन्होंने विभाग में जमकर भ्रष्टाचार और लूट की। पूरा प्रदेश जानता है कि किस तरह सराफ के पेट्रोल पम्प पर वसूली होती थी। उन्होंने कहा कि हेल्थवर्कर की भर्ती में घोटाला और भ्रष्टाचार हो रहा था इसलिए मैंने परीक्षा को रद्द करवाया। मैं आज भी दावे के साथ कह सकता हंू कि 2500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया की जानकारी मुझे नहीं थी। जहां तक ट्वीट करने का सवाल है तो मैंने भर्ती को लेकर खुशी जाहिर की थी। मुझे प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि एनएचएम के एमडी समित शर्मा अपने ही स्तर पर परीक्षा करवा रहे थे। मैंने तो परीक्षा रदद करवाकर प्रदेश के हित में काम किया है। अब मैं भाजपा के पांच वर्ष के शासन में एनएचएम में हुई भर्तियों की रिपोर्ट मंगवा रहा हंू। मैं बताऊंगा कि सराफ ने किस तरह लूट मचा रखी थी।
अध्यक्ष से भी खफा:
रघु शर्मा ने कहा कि वे विधानसभा में भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार होकर आए थे, लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस है कि अध्यक्ष सीपी जोशी ने बोलने का अवसर नहीं दिया। रघु ने कहा कि जब स्थगन प्रस्ताव के जरिए मुझे पर आरोप लगाए जा रहे हैं तो मुझे भी बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए। अध्यक्ष के इस रवैये पर मैंने आपत्ति दर्ज करवाई है। अध्यक्ष का व्यवहार पूरी तरह सदन के हित में नहीं रहा।
अध्यक्ष जोशी भी नाराज:
28 जून को विधानसभा के अंदर जिस तरह संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और सदन के बाहर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जो व्यवहार किया उससे अब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी भी बेहद नाराज है। सूत्रों की माने तो जोशी ने अपने इस्तीफे की पेशकश भी कर दी है। कांग्रेस पहले ही अपने आंतरिक विवादों से जूझ रही है अब और विधानसभा के अंदर भी कांग्रेस का विवाद खुलकर सामने आ गया है। जिस तरह चिकित्सा मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर विधानसभा अध्यक्ष की आलोचना की उससे डॉ. जोशी बेहद नाराज है।
एस.पी.मित्तल) (28-06-19)
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