ताउसर में बंजारा बस्ती को उजाडऩे के मामले में नागौर कलेक्टर ने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के निर्देश भी नहीं माने

ताउसर में बंजारा बस्ती को उजाडऩे के मामले में नागौर कलेक्टर ने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के निर्देश भी नहीं माने। सांसद बेनीवाल के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन। क्रेन चालक फारुख की मौत एसडीएम की कार की टक्कर से हुई। 

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नागौर जिले के ताउसर में बंजारा बस्ती को उजाडऩे के विरोध में 26 अगस्त को नागौर कलेक्ट्रेट पर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया। बेनीवाल ने आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव की वजह से नागौर का माहौल खराब हो रहा है। कलेक्टर की जिद की वजह से ही 25 अगस्त को ताउसर में बंजारा परिवारों के 100 वर्ष पुराने मकान तोड़ दिए गए। बेनीवाल ने कहा कि 24 अगस्त को उन्होंने कलेक्टर यादव की बात प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से करवाई थी। चौधरी ने भी निर्देश दिए कि 25 अगस्त की कार्यवाही को टाल दिया जाए। लेकिन कलेक्टर ने मंत्री से लिखित में आदेश जारी करने को कहा। मंत्री के निर्देशों से परे जाकर कलेक्टर ने 25 अगस्त को एक हजार पुलिस कर्मियों के सुरक्षा घेरे में बंजारा बस्ती को धराशाही कर दिया। कलेक्टर हाईकोर्ट के जिस आदेश की दुहाई दे रहे हैं उस आदेश में भी बंजारा समुदाय को बसाने की बात है। बेनीवाल ने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोगों के अक्रिमण तो नहीं हटाए जाते, वहीं गरीब लोगों को बेघर किया जा रहा है। बेनीवाल ने कहा कि बंजारा समुदाय की 16 बीघा भूमि सरेंडर करने को तैयार हो गए थे, लेकिन कलेक्टर अपनी जिद पर अड़े रहे। बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की कि यादव को नागौर से हटाया जाए। बेनीवाल ने 29 अगस्त को नागौर सहित प्रदेशभर में प्रदर्शन की घोषणा की है।
एसडीएम की कार से हुईफारुख की मौत:
अतिक्रमण हटाने के दौरान नागौर नगर परिषद के क्रेन चालक फारुख की मौत पर अफसोस जताते हुए बेनीवाल ने कहा कि मौके पर जब भगदड़ मच रही थी, तब फारुख भी क्रेन छोड़ कर भाग रहा था और तभी एसडीएम की कार से उसकी टक्कर हो गई। बेनीवाल ने फारुख के आश्रित परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
हाईकोर्ट के आदेश से कार्यवाही-कलेक्टर यादव:
उधर नागौर के कलेक्टर दिनेश यादव ने कहा कि ताउसर में हाईकोर्ट के आदेश से कार्यवाही हुई है। हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर कलेक्टर को 15 दिन में अतिक्रमण हटाने के लिए पाबंद किया था। 15 दिन की अवधि 27 अगस्त को पूरी हो रही थी। मुझे हाईकोर्ट में उपस्थित होकर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, इसलिए सख्ती के साथ अतिक्रमण हटाया गया है। इसमें किसी के प्रति कोई दुव्र्यवहार नहीं है। मैंने हाईकोर्ट के आदेशों की पालना की है। बंजारा समुदाय को सरकार की नीति के अनुरूप भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी।
एस.पी.मित्तल) (26-08-19)
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