हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार को रोकने के लिए कांग्रेस कुछ भी कीमत देने को तैयार।

हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार को रोकने के लिए कांग्रेस कुछ भी कीमत देने को तैयार। दोनों राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा। 

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24 अक्टूबर को महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम घोषित हो गए। भाजपा के कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए ही अब इन दोनों राज्यों में भाजपा को सरकार बनाने से रोकने के लिए कांग्रेस कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। अब कांग्रेस का एक ही मकसद है कि किसी भी तरह भाजपा को सरकार बनाने से रोका जाए। हालांकि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गया है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का प्रयास है कि भाजपा को किसी भी तरह सरकार बनाने से रोका जाए। महाराष्ट्र में 288 सीटों में से भाजपा को सार्वधिक करीब 100 सीटें मिली हैं, जबकि सहयोगी दल शिवसेना को लगभग 60 सीटें मिल रही हैं। 60 सीटे मिलने के बावजूद शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा जताया है। कांग्रेस शिवसेना की इसी लालसा का फायदा उठाना चाहती है। कहा जा रहा है कि एनसीपी के शारद पवार की ओर से शिवसेना से सम्पर्क साधा जा रहा है। कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने को तैयार है। एनसीपी को 50 से अधिक और कांग्रेस को लगभग 45 सीटें मिली हैं। ऐसे में यदि एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन हो जाता है तो तीनों दलों का आंकड़ा बहुमत के पार हो जाएगा। राजनीति में कुछ भी संभव है। भाजपा 100 सीट लाने के बाद भी सत्ता से बाहर हो सकती है। चूंकि कांग्रेस का मकसद सिर्फ भाजपा को सत्ता से बाहर रखना है। इसलिए उसे शिवसेना से समझौता करने में भी कोई ऐतराज नहीं है। जिस शिवसेना का जन्म ही कांग्रेस के विरोध से हुआ था। कांग्रेस अब तक शिवसेना को घोर साम्प्रदायिक दल बताती रही है। इसी प्रकार हरियाणा में भी भाजपा को सत्ताबदर रखने के लिए कांग्रेस दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री बनाने को तैयार है। 90 सीटों में से दुष्यंत की पार्टी जेजेपी को मात्र 10 सीटें मिली है, जबकि कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं, लेकिन कर्नाटक का फार्मूला काम में लेते हुए कांग्रेस हरियाणा में 10 सीटों वाले नेताओं को भी सीएम बनाने को तैयार है। इसके लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को खुली छूट दे दी है। हुड्डा ने भी टीवी चैनलों पर जाकर साफ कर दिया कि भाजपा को रोकने के लिए अब सभी दलों को एकजुट हो जाना चाहिए। हालांकि हरियाणा में भाजपा को 40 से भी कम सीटे मिली हैं। लेकिन उसे उम्मीद है कि 10 निर्दलीय विधायकों के दम पर सरकार बना लेगी। सरकार बनने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। भाजपा ने जेजेपी के दुष्यंत चौटाला से भी सम्पर्क साध रखा है। अब देखना है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस क्या भाजपा को सत्ता से बाहर रखने में सफल होती है या फिर कांग्रेस की लाख कोशिश के बाद भाजपा इन दोनों राज्योंमें दोबारा से सरकार बनाती है।
एस.पी.मित्तल) (24-10-19)
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