तो क्या राज्यपाल कलराज मिश्र की सक्रियता से खुश नहीं है राजस्थान की कांग्रेस सरकार?
तो क्या राज्यपाल कलराज मिश्र की सक्रियता से खुश नहीं है राजस्थान की कांग्रेस सरकार?
कुलपति समन्वय समिति की बैठक में सरकार का एक भी मंत्री नहीं आया।
राजस्थान के विश्वविद्यालयों की दशा सुधारने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र ने 3 नवम्बर को कुलपति समन्वय समिति की बैठक बुलाई। पिछले कई वषों से समन्वय समिति की बैठक नहीं हुई थी, लेकिन मौजूदा राज्यपाल मिश्र ने पहल कर बैठक का आयोजन किया। चूंकि राज्यपाल ही विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं, इसलिए बैठक का खास महत्व था। राज्यपाल मिश्र की पहल पर ही केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय और यूजीसी के बड़े अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे। बैठक के महत्व का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी 27 विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित रहे। चूंकि कलराज मिश्र केन्द्र में मंत्री रहे हैं, इसलिए उन्हें पता है कि राज्य सरकार के सहयोग के बगैर विश्वविद्यालय के काम काज में सुधार नहीं हो सकता। इसलिए बैठक में राज्य की कांग्रेस सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉॅ. सुभाष गर्ग चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और खेल मंत्री अशोक चांदना को खासतौर से आमंत्रित किया गया, लेकिन राजभवन के निमंत्रण पर सरकार का एक भी मंत्री बैठक में शामिल नहीं हुआ। हालांकि विश्वविद्यालयों के कामकाज को सुधारने और रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राज्यपाल ने आवश्यक निर्देश दिए, लेकिन सरकार के मंत्रियों की गैर मौजूदगी में राज्यपाल के दिशा निर्देश कितने मायने रखते हैं, यह आने वाला समय ही बताएगा। अलबत्ता सरकार के मंत्रियों की गैर मौजूदगी से प्रतीत होता है कि राज्यपाल मिश्र की सक्रियता से कांग्रेस सरकार खुश नहीं है। अभी यह तो नहीं कहा जा सकता है कि राजस्थान में राज भवन और सरकार के बीच खींचतान शुरू हो गई है, लेकिन दो माह पहले राज्यपाल का पद संभालने वाले कलराज मिश्र ने कहा था कि वे राजस्थान में आराम करने नहीं आए हैं। संवैधानिक मर्यादाओं में रहकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। इसके लिए राजभवन में जनसुनवाई भी की जाएगी। इसके साथ ही मिश्र ने राज्यपाल फंड से लोगों को अर्थिक मदद देना भी शुरू कर दिया। हालांकि राज्य सरकार अभी राज्यपाल के दौरों के दौरान प्रशासनिक व्यवस्थाएं करवा रही है, लेकिन कुलपति समन्वय समिति की बैठक में एक भी मंत्री के उपस्थित नहीं होने से सरकार ने राजभवन को संकेत दे दिए हैं। अब चाहे कोई कुछ भी सफाई दे लेकिन मंत्रियों के राज्यपाल की बैठक में नहीं पहुंचने का निर्णय सरकार में उच्च स्तर पर ही हुआ है। अब राज्यपाल की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
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