मोदी के पुतले जलाओ, पर गरीब का घर नहीं।

मोदी के पुतले जलाओ, पर गरीब का घर नहीं। सरकारी योजनाओं का लाभ देने में भेदभाव नहीं तो फिर मुसलमानों को क्यों भकड़ाया जा रहा है? हिंसा करने वालों को पीएम मोदी ने चेताया। 

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22 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में धन्यवाद रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ जब बिना भेदभाव के दिया जा रहा है तो फिर देश के मुसलमानों को क्यों भड़काया जा रहा है। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर मुसलमानों के बीच बेवजह भ्रम फैलाया जा रहा है। मोदी ने कहा कि सरकार ने जब उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ परिवारों को रसोई गैस का कनेक्शन, डेढ़ करोड़ लोगों को पक्के मकान, आयुषमान भारत योजना में पांच करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपए का स्वास्थ बीमा आदि दिया तब क्या किसी का धर्म पूछा गया? दिल्ली में दो हजार से भी ज्यादा अवैध कॉलोनियों को वैध किया गया तभी यह नहीं देखा गया कि इनमें से कितने हिन्दू और कितने मुसलमान है। 2014 में मेरी सरकार बनने के बाद एक भी निर्णय भेदभाव पूर्ण नहीं हुआ है। मैंने सरकार की योजनाओं का लाभ बिना जाति धर्म के बगैर दिया है। लेकिन आज देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि भाजपा मुसलमान विरोधी है। मोदी ने कहा कि राजनीतिक कारणों से कांग्रेस और उनके समर्थक भले ही मेरे पुतले जलाए, लेकिन किसी गरीब का मकान न जलाए। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर विरोध के दौरान ऑटो वाले का रिक्शा तोड़ा जा रहा है तो गरीब के मकान में आग लगाई जा रही है। मैं पूछना चाहता हंू कि इन गरीब लोगों ने कांगे्रस और उनके सहयोग दलों का क्या बिगाड़ा है? मोदी का चाहे जितना विरोध किया जाए लेकिन देश की बदनामी नहीं होनी चाहिए। नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देश में जिस तरह का माहौल खड़ा किया गया है उससे भारत की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है। मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देना चाहता हंू कि वे देश के आम आदमी के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करे। मोदी ने कहा कि नागरिकता कानून को सामने रखकर दुनिया में पाकिस्तान को एक्सपोज करने का एक अच्छा अवसर था। हम यह बता सकते थे कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर किस तरह अत्याचार हो रहे हंै। लेकिन इसके विपरीत कांग्रेस और उनके सहयोग दलों ने शरणार्थियों की नागरिकता का ही विरोध करना शुरू कर दिया है। हमें ऐसे शरणार्थियों की घटनाओं को दुनिया के समाने रखना चाहिए था। रैली में मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैये की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी अपने राजनीतिक स्वार्थों की खातिर घरेलू मामलों को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहती है। ममता का यह रवैया जाहिर करता है कि उन्हें अपने ही देश से कितनी नफरत है। हालांकि लोकसभा के चुनाव में पश्चिम बंगाल की जनता ने अपने इरादे ममता बनर्जी को बता दिए हैं, लेकिन चुनाव परिणाम से ममता ने कोई सबक नहीं लिया है। अब ममता बनर्जी को विधानसभा चुनाव में हार का डर सता रहा है।
एस.पी.मित्तल) (22-12-19)
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