पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत के मुसलमानों की तो चिंता है, लेकिन चीन में फंसे पाकिस्तानियों की नहीं। 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत के मुसलमानों की तो चिंता है, लेकिन चीन में फंसे पाकिस्तानियों की नहीं। 

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आए दिन भारतीय मुसलमानों की दशा को लेकर चिंता जताते रहे हैं। इमरान खान का आरोप है कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं। कश्मीर के मुद्दे को तो पाकिस्तान अक्सर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाता है। यह बात अलग है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में आम मुसलमानों को भी उनके अधिकार मिलने लगें हैं और अब जम्मू कश्मीर में हालात एकदम सामान्य है। सब जानते हैं कि चीन के वुहान शहर में फैले कोरोना वायरस की वजह से चीन में रह रहे विदेश नागरिकों में दहशत का माहौल है। भारत सहित अनेक देशों ने अपने नागरिकों को चीन से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। दो फरवरी को ही भारत सरकार ने विशेष विमान से 300 से भी ज्यादा भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला है। इन नागरिकों को मानसर स्थित सेना के विशेष अस्पताल में रखा गया है। ताकि कोरोना वायरस का असर समाप्त किया जा सके। यानि भारत सरकार अपने नागरिकों के प्रति चिंतित है, लेकिन वहीं पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को चीन में अपने हाल पर छोड़ दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य सलाहकार जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस से लडऩे के लिए चीन अपने आप में सक्षम है, इसलिए पाकिस्तान के किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने स्तर पर पाकिस्तान के किसी भी नागरिक को चीन से लेकर नहीं आएगा। पाकिस्तान सरकार के इस रवैये से चीन में कोरोना वायरस के साए में रह रहे पाकिस्तान नागरिकों खस कर छात्रों ने नाराजगी जाहिर की है। सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर छात्रों ने पाकिस्तान सरकार की निंदा करते हुए भारत के प्रयासों की प्रशंसा की है। पाकिस्तानी छात्रों ने कहा कि जिस यूनिवर्सिटी में रह रहे हैं, वहां खाने पीने का भी इंतजाम नहीं है। दहशत का माहौल है, लेकिन पाकिस्तान दूतावास की ओर से भी कोई मदद नहीं की जा रही है। सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान भारत के मुसलमानों को लेकर आए दिन चिंता प्रकट करता है तो फिर चीन में फंसे अपने नागरिकों के प्रति चिंता क्यों नहीं दिखा रहा? जाहिर है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की कथनी और करनी में अंतर है। भारत के विपक्षी दलों के जो नेता पाकिस्तान को अपना हमदर्द समझते हैं, उन्हें पाकिस्तान के ताजा रवैये से सबक लेना चाहिए। पाकिस्तान सिर्फ भारत के मुसलमानों को धर्म के आधार पर उकसाने का काम करता है। जब स्वयं के नागरिकों की पाकिस्तान को चिंता नहीं है तो वह भारत के मुसलमानों की चिंता किस प्रकार से कर सकता है। भारत के लोगों को पाकिस्तान के इस दौहरे रवैये को समझना चाहिए।
(एस.पी.मित्तल) (03-02-2020)
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