जायरीन की खिदमत करते करते रिटायर हो रहे हैं अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश सिंधी।

जायरीन की खिदमत करते करते रिटायर हो रहे हैं अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश सिंधी। अरविंद सेंगवा बनेंगे तीसरी बार अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट। 

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यूं तो 60 वर्ष की उम्र होने पर अधिकांश कार्मिकों को सरकारी सेवा से रिटायर होना पड़ता है, लेकिन कुछ कार्मिक ऐसे होते हैं, जिनकों रिटायरमेंट के बाद भी लम्बे समय तक याद रखा जाता है। ऐसे ही अधिकारी अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश सिंधी हैं। सिंधी का रिटायरमेंट 29 फरवरी को है। अजमेर में इन दिनों ख्वाजा साहब का सालाना उर्स चल रहा है और सिटी मजिस्ट्रेट की हैसियत से सिंधी उर्स मेला मजिस्ट्रेट भी हैं। यानि 29 फरवरी को जब सिंधी का सेवाकाल का अंतिम दिन होगा, तब भी वह उर्स में आने वाले जायरीन की खिदमत कर रहे होंगे। ऐसा बहुत कम होता है, जब काम करते करते कोई अधिकारी रिटायर हो। चूंकि उर्स मेला मार्च के प्रथम सप्ताह तक चलेगा, इसलिए सरकार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विशेषाधिकारी अरविंद सेंगवा को सिटी मजिस्ट्रेट का अतिरिक्त चार्ज दे दिया है। यानि 29 फरवरी से सेंगवा उर्स मेला मजिस्ट्रेट भी होंगे। सेंगवा तीसरी बार अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट का काम करेंगे। सेंगवा दो बार पहले भी अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर काम कर चुके हैं। सेंगवा की कार्य कुशलता को देखते हुए ही अतिरिक्त चार्ज  दिया है। जहां तक सुरेश सिंधी का सवाल है तो तहसीलदार से पदोन्नत होकर सिंधी आरएएस बने। राजकीय सेवा का अधिकांश समय सिंधी ने अजमेर में ही बिताया है। कभी राजस्व मंडल में उपनिबंधक तो कभी जिला रसद अधिकारी के पद पर रहे। तहसीलदार के पद पर रहते हुए सिंधी ने दोनों ही सरकारों में प्राइम पोस्ट पाई। भाजपा शासन में लम्बे समय तक जिला रसद अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहे तो अब कांग्रेस के शासन में अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट के पद से रिटायर हो रहे हैं। आम व्यक्ति का काम हो या नहीं, लेकिन वह संतुष्ट होकर ही सिंधी के कक्ष से बाहर आता है। सिंधी अपनी सरकारी टेबल की दराज में टॉफियां भी रखते  हैं। आने वाले मेहमान को मीठी गोली देने से भी सिंधी को कोई परहेज नहीं होता है। अजमेर में अनेक लोग मिल जाएंगे जो सिंधी की मीठी गोली की मिठसा अब भी महसूस करते है। प्रशासनिक सेवा में ऐसे कम अधिकारी होते हैं जो जनता से सीधा जुड़ाव रखते हों, लेकिन सिंधी हमेशा जनता से सीधा जुड़ाव रखते रहे। सिंधी के व्यवहार को लेकर शायद ही किसी को शिकायत रही होगी। कलेक्टर हो या अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सिंधी अपनी बात बेबाकी के साथ रखते रहे। सिंधी ने अफसरी अपने दम पर की। अपने नाम के साथ हमेशा सिंधी शब्द लगाए रखा। यानि अपनी सिंधी जाति पर हमेशा गर्व किया। हालांकि सिंधी ने जाति के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया, लेकिन अपनी जाति की जानकारी सबको दी। जो प्रशासनिक अधिकारी पद और कुर्सी के घमंड में रहते हैं उन्हें सुरेश सिंधी के सेवाकाल से प्रेरणा लेनी चाहिए। अधिकारी का व्यवहार तो जनता के साथ अच्छा होना ही चाहिए। सुरेश सिंधी रिटायरमेंट के बाद भी लम्बे समय तक अजमेर के लोगों को याद आते रहेंगे। मोबाइल नम्बर 9928040567 पर सुरेश सिंधी को रिटायरमेंट की शुभकामनाएं दी जा सकती है।
(एस.पी.मित्तल) (28-02-2020)
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