ईमेल पर प्राप्त शिकायतों का समाधान करेंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। काश! सरकार के पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का समाधान हो जाता। सरकारी दफ्तरों में रिश्वत के बगैर काम नहीं होता। वसुंधरा राजे ने भी पोर्टल पर दर्ज करवाई थीं शिकायतें।
राजस्थान का जो नागरिक writetocm@rajasthan.gov.in पर अपनी शिकायत भेजेगा उसकी शिकायत का समाधान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं करेंगे। गहलोत ने यह ईमेल पता स्वयं ने सार्वजनिक किया है। पीडि़त लोग व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक समस्याओं से भी सीएम को अवगत करवा सकते हैं। सीएम का कहना है कि कोरोना काल में अपने सरकारी निवास पर जनसुनवाई नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए ईमेल से शिकायतें मंगवा रहे हैं। ईमेल से प्राप्त सभी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी। इसमें कोई दो राय नहीं कि सीएम गहलोत की यह अच्छी पहल है, क्योंकि जिला प्रशासन से लेकर संबंधित विभागों के अधिकारी तक समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं। यदि उपखंड और जिला स्तर पर ही समस्याओं का समाधान हो जाए तो लोगों को मुख्यमंत्री तक शिकायत भेजने की जरुरत ही नहीं पड़े। सब जानते हैं कि ऐसा ही प्रयोग भाजपा शासन में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया था। राज्य सरकार की आरे से एक पोर्टल बनाया गया। इस पोर्टल पर दर्ज होने वाले शिकायतों के समाधान का दावा भी किया गया। कहा गया कि पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों की निगरानी स्वयं वसुंधरा राजे करेंगी। शुरू में दर्ज शिकायतों को गंभीरता से लिया गया, लेकिन बाद में सारे दावे धरे रह गए। हालांकि आज भी सरकारी पोर्टल पर शिकायतें दर्ज हो रही है, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात वाले हैं। संबंधित अधिकारी ऐसी शिकायतों को इधर उधर टालते रहते हैं। यदि सीएम गहलोत पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की निगरानी कर लें तो लोगों को राहत मिल सकती है। हो सकता है कि शुरू में मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी ईमेल से प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लें, लेकिन बाद में सीएम की ईमेल आईडी का भी वहीं हाल होगा जो वसुंधरा राजे के पोर्टल का हुआ है। सब जानते हैं कि सरकारी विभागों में रिश्वत के बगैर काम होता ही नहीं है। यदि कोई व्यक्ति जायज काम नियमानुसार करवाना चाहता है तो उसे बार बार चक्कर लगवाए जाते हैं। इन दिनों भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जिस तरह प्रदेशभर में भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर रहा है उससे सरकारी दफ्तरों में फैले भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। सीएम अशोक गहलोत माने या नहीं लेकिन सरकार पर अफसरशाही हावी है। अफसर अपने नजरिए से ही काम करते हैं। यही वजह है कि भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है। सीएम चाहे जितनी शिकायतें मंगवां लें, लेकिन निर्णय वो ही होगा जो अफसर चाहेगा।
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9509707595
To Contact- 9829071511