अजमेर जिले की 11 पंचायत समिति में से 9 में भाजपा को बहुमत। कांग्रेस को सिर्फ दो में ही बढ़त। कांग्रेस की श्रीमती नसीम अख्तर और मुख्य सचिव निरंजन आर्य की बहन निर्मला डांगी भी वार्ड सदस्य का चुनाव जीती। सचिन पायलट फैक्टर ने कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने सिर्फ केकड़ी में ही प्रचार किया।

अजमेर जिले में पंचायतीराज के चुनाव में कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया है। 11 पंचायत समितियों में से कांग्रेस को सिर्फ दो में बहुमत हांसिल हुआ है। जबकि 9 पंचायत समितियों में भाजपा को बहुमत मिला है। भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा ने इस जीत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की जीत बताया है। भूतड़ा ने आरोप लगाया कि चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया। लेकिन ग्रामीण मतदाताओं ने भाजपा के प्रति भरोसा जताया। भूतड़ा ने जिले के ग्रामीण मतदाताओं का आभार जताया है। वहीं पूर्व मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर अजमेर ग्रामीण और मुख्य सचिव निरंजन आर्य की बहन निर्मला डांगी पीसांगन पंचायत समिति के सदस्य का चुनाव जीत गई है। लेकिन दोनों पंचायत समितियों में भाजपा को बहुमत हासिल हुआ है। जिले की अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के 35 वार्डों से 17 में भाजपा 13 में कांग्रेस तथा 5 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। चूंकि पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इसी पंचायत समिति की प्रधान बनने की इच्छुक है, इसलिए यहां जोड़तोड़ की राजनीति चरम पर है। किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आने वाली पीसांगन और अरांई पंचायत समितियों में भी भाजपा को बढ़त मिली है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने अरांई पंचायत समिति के 17 वार्डों की जिम्मेदारी निर्दलीय विधायक सुरेश टाक को दी थी, लेकिन टाक कांग्रेस के मात्र चार उम्मीदवारों को ही जीतवा सके। यहां 10 वार्डों में भाजपा को सफलता मिली है, जबकि 3 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। किशनगढ़ पंचायत समिति के 19 वार्डों की जिम्मेदारी पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया को दी गई थी, लेकिन सिनोदिया मात्र 3 वार्डों में कांग्रेस को जीत दिलवा सके। यहां 15 वार्डों में भाजपा को जीत मिली है, जबकि 1 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी जीता है। किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र भाजपा के सांसद भागीरथ चौधरी का गृह क्षेत्र है। यहां पर गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे विकास चौधरी ने भी कड़ी मेहनत की।

नसीराबाद और पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली श्रीनगर और पीसांगन कांग्रेस और भाजपा के बीच बराकर की स्थिति रही है। पीसांगन के 19 वार्डों में से भाजपा को 10 में सफलता मिली है। कांग्रेस को 5 वार्डों में जबकि 3 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। यहां एक वार्ड में आरएलपी का उम्मीदवार भी विजयी हुआ है। श्रीनगर पंचायत समिति के 21 वार्डों में से 11 में कांग्रेस को जबकि 10 वार्डों में भाजपा को सफलता मिली है। पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से सुरेश रावत और नसीराबाद से राम स्वरूप लाम्बा भाजपा के विधायक हैं। कांग्रेस को मसूदा में भी बुरी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि कांग्रेस के विधायक राकेश पारीक ने जमकर प्रचार किया था, लेकिन मसूदा पंचायत समिति के 19 वार्डों में से 10 में भाजपा को सफलता मिली है। 8 वार्डों में कांग्रेस के उम्मीदवार, जबकि एक वार्र्डो में निर्दलीय की जीत हुई है। इसी विधानसभा क्षेत्र जुड़ी जवाजा पंचायत समिति के 19 वार्डों में से 16 में भाजपा को एकतरफा जीत मिली है। कांग्रेस यहां सिर्फ एक वार्ड में जीत पाई है, जबकि दो वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। भिनाय पंचायत समिति के 19 वार्डों में से 13 में भाजपा को सफलता मिली है, यहां 5 वार्डों में कांग्रेस तथा एक वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है। केकड़ी पंचायत समिति के 15 वार्डों में से 8 में भाजपा, 6 में कांग्रेस तथा एक वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी जाता है। सरवाड़ पंचायत समिति के 15 वार्डों में से 7 में भाजपा तथा 8 में कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी हुई है। सावर पंचायत समिति के 15 वार्डों में से 8 में भाजपा तथा 7 में कांग्रेस को जीत मिली है।

पायलट फैक्टर से कांग्रेस को नुकसान:

अजमेर जिले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट की वजह से भी कांग्रेस को नुकसान हुआ है। पायलट ने अजमेर से दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा। जिले में पायलट की लोकप्रियता आज भी कायम है। लेकिन कांग्रेस में जिस तरह से पायलट की अनदेखी हो रही है उससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ साथ गुर्जर समुदाय भी ना खुश है। चुनाव रणनीति के जानकारों के अनुसार इस बार गुर्जर मतदाताओं ने कांग्रेस का वैसा समर्थन नहीं किया, जैसा गत विधानसभा चुनाव के समय किया था। चिकित्सा मंत्री रघु शर्म ने जिस तरह पायलट के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी की उससे भी पंचायतीराज के चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हुआ। रघु शर्मा अजमेर जिले के एक मात्र मंत्री है,लेकिन पंचायतीराज के चुनाव में रघु शर्मा ने स्वयं को अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी तक ही सीमित रखा। केकड़ी विधानसभा की तीनों पंचायत समितियों के अलावा रघु ने जिले की किसी भी पंचायत समिति में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार नहीं किया। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-12-2020)

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