झूलते बिजली के तारों की वजह से हुआ जालौर के महेशपुरा का बस हादसा। बस के अंदर बैठे श्रद्धालु अजमेर और ब्यावर के निवासी हैं। हादसे के लिए जोधपुर विद्युत वितरण निगम के इंजीनियर जिम्मेदार हैं। ठेके पर चल रहा है विद्युत निगम का काम।

16 जनवरी की रात को जालौर जिले के महेशपुरा गांव में जो बस हादसा हुआ, उसमें अब तक 6 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है। अभी भी कई तीर्थ यात्री जालौर और जोधपुर के अस्पतालों में गंभीर अवस्था में भर्ती हैं। अजमेर और ब्यावर के जैन परिवारों के सदस्य नाकोड़ा तीर्थ स्थल पर दर्शन करने गए थे। लेकिन वापस लौटते समय बस महेशपुरा गांव में झूलते बिजली के तारों की चपेट में आ गई। जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अधीन आने वाले जालौर में बिजली के तार इतने नीचे थे कि बस से टकरा गए। तारों के टकराने के साथ ही बस में करंट दौड़ पड़ा और आग लग गई। 6 जने बस के अंदर आग मेंंं जिंदा जल गए, जबकि बस पूरी तरह खोखली हो गई। अभी भी अनेक यात्री अस्पतालों में मौत से संघर्ष कर रहे हैं। सवाल उठता है कि इस हादसे का जिम्मेदार कौन है? क्या इस दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार जोधपुर का विद्युत वितरण निगम नहीं है? बिजली के तारों के रख रखाव की जिम्मेदारी निगम के इंजीनियरों की है। बिजली के झूलते तारों को ऊंचा और टाइट करने की जिम्मेदारी भी निगम के इंजीनियरों की है। निगम के इंजीनियर सरकार से मोटी तनख्वाह लेेते हैं, लेकिन अपना काम जिम्मेदारी के साथ नहीं करते। बस में आग लगने की जिम्मेदारी पूरी तरह जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों की है। सरकार को तत्काल प्रभाव से दोषी इंजीनियरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करना चाहिए तथा ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त करना चाहिए। विद्युत निगमों के श्रमिकों की प्रतिनिधि संस्था श्रमिक संघ के प्रतिनिधि विनीत कुमार जैन ने महेशपुरा जैसे हादसों के लिए निगम में बढ़ते निजीकरण को जिम्मेदार ठहराया है। महेशपुरा बस हादसे के संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में जैन ने बताया कि विद्युत निगमों में इन दिनों 33/11 केवी जीएसएस का संचालन ठेके पर करवाया जा रहा है। इसी प्रकार फाल्ट ठीक करने नई लाइने लगाने, विद्युत विपत्र छपाने, ट्रांसपोर्टेशन ऑडिट कार्य आदि ठेके पर करवाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से काम की गुणवत्ता नहीं हो पा रही है। प्रदेश में इससे पहले भी बांसवाड़ा और दौसा में विद्युत तारों की वजह से भीषण हादसे हुए हैं। हर बार निगम के अधिकारी सच्चाई को छिपा कर झूठी जांच रिपोर्ट तैयार करवा लेते हैं। जैन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि विद्युत निगम में ठेके के कार्यों को तत्काल प्रभाव से बंद करवाया जाए और निगमों में तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती करवा कर गुणवत्ता को मजबूत किया जाए। S.P.MITTAL BLOGGER (17-01-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9509707595To Contact- 9829071511

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