तो क्या स्मार्ट सिटी के इंजीनियर अजमेर के कलेक्टर और योजना के सीईओ को जानकारी नहीं देते हैं ? जबकि योजना के कार्यों को गति देने के लिए प्रत्येक बुधवार को कलेक्टर पुरोहित स्वयं मौके पर जाते हैं। अजमेर में भी रात 8 बजे से बंद हो सकते हैं बाजार। सरकार ने कलेक्टर को अधिकार दिए। कोरोना संक्रमण में अजमेर की स्थिति चिंताजनक- डॉक्टर सोनी।
अजमेर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ और जिला कलेक्टर प्रकाश पुरोहित का कहना है कि शहर के किसी भी सर्किल या चौराहे को छोटा या हटाया नहीं जा रहा है। कलेक्टर के इस कथन के बाद सवाल उठता है कि क्या स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के इंजीनियर प्रोजेक्ट के कामकाज की जानकारी प्रोजेक्ट के सीईओ को नहीं देते हैं? मेरे फेसबुक पेज Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के एडिशनल चीफ इंजीनियर अविनाश शर्मा का 23 मार्च 2021 का लिखा एक पत्र देखा जा सकता है। शर्मा ने यह पत्र सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र राठौड़ को लिखा है। इस पत्र के साथ शहर के 8 धार्मिक स्थलों की एक सूची भी दी गई है, इसमें सूचना केंद्र के निकट अग्रसेन सर्किल को हटाकर महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा को सूचना केंद्र के किनारे शिफ्ट करने का प्रस्ताव भी है। शर्मा ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि धार्मिक स्थलों को हटाने का निर्णय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में लिया गया है। पत्र में धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा गया है। इस पत्र के बाद ही सिटी मजिस्ट्रेट राठौड़ के साथ प्रोजेक्ट के इंजीनियर की एक बैठक भी हुई जिसमें अग्रसेन सर्किल भी शामिल था। इसलिए अग्रवाल समाज के लोगों ने सर्किल को हटाने का विरोध किया। इस संबंध में जब अग्रवाल समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर और प्रोजेक्ट के सीईओ प्रकाश पुरोहित से मुलाकात की तो उन्होंने किसी भी सर्किल को हटाने के प्रस्ताव से इंकार कर दिया। सवाल उठता है कि क्या प्रोजेक्ट के इंजीनियर अपने कामकाज की जानकारी अपनों को ही नहीं दे रहे हैं? इस सवाल का जवाब भी पुरोहित ही दे सकते हैं। यह स्थिति तब है जब पुरोहित प्रत्येक बुधवार को स्मार्ट सिटी के कार्यों का मौके पर जाकर जायजा लेते हैं। पुरोहित के इस दौरे में प्रोजेक्ट के इंजीनियर भी शामिल होते हैं। यदि इंजीनियर जानकारी नहीं दे रहे हैं तो यह गंभीर मामला है। मालूम हो कि केंद्र सरकार की पहल पर कोई दो हजार करोड़ रुपए खर्च कर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा हैl
8 बजे बंद हो सकते हैं बाजार:
5 अप्रैल को रात 10 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशभर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को से वीसी के जरिए संपर्क साधा और कोरोना संक्रमण की स्थिति का जायजा लिया। इस वीसी में अजमेर के कलेक्टर प्रकाश पुरोहित और पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा भी मौजूद रहे। वीसी में अजमेर की स्थिति को भी गंभीर माना गया। अजमेर प्रदेश के उन 10 जिलों में शामिल हो गया, जहां रोजाना 50 लोग संक्रमित हो रहे हैं। सरकार ने 4 अप्रैल को जो गाइडलाइन जारी की थी उसमें बाजारों को रात 9 बजे बंद करने और रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू करने को कहा है, लेकिन अब रात 8 बजे बाजार बंद करने का निर्णय लेने का अधिकार कलेक्टर को दे दिया है। पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा ने बताया कि रात 8 बजे बाजार बंद करने को लेकर जिला प्रशासन से विचार-विमर्श हो रहा है, लेकिन फिलहाल अजमेर में रात 9 बजे ही बाजार बंद करवाए जा रहे हैं। 5 अप्रैल को क्लॉक टावर पुलिस थाना क्षेत्र में किसी गलतफहमी की वजह से रात 8 बजे दुकानें बंद करवा दी गई थी। अलबत्ता एसपी शर्मा ने शहरवासियों से कोरोना गाइड लाइन की पालना करने का आग्रह किया है।
स्थिति चिंताजनक:
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केके सोनी ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में अजमेर की स्थिति चिंताजनक है। संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के साथ-साथ संकरण व्यक्तियों की मौत भी हो रही है, लोग अपने पारिवारिक कार्यक्रमों में भी संक्रमित हो रहे हैं। होली पर्व पर एकत्रित हुए एक परिवार के अन्य सदस्य संक्रमित हो गए हैं, लोगों को शादी विवाह के साथ-साथ पारिवारिक समारोह में भी बचना चाहिए। लोगों को दूसरी लहर को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-04-2021)
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