राहुल गांधी अब कांग्रेस शासित प्रदेश छत्तीसगढ़ जाकर कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मिन्हास को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाएं। 22 जवानों की हत्या के बाद नक्सली अब शांति वार्ता की पेशकश कर रहे हैं। गलवान में सीमा विवाद पर राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार होती तो 2 दिन में चीन को खदेड़ दिया जाता।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर के जंगलों में 3 अप्रैल को हमला कर नक्सलियों ने 22 जवानों को शहीद कर दिया तथा अपने साथ कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह को भी ले गए। अब मिन्हास की पत्नी कुंती देवी और मासूम बेटी पायल चाहती है कि राकेश्वर सिंह सकुशल वापस आ जाएं। मां बेटी के आंसू रुक नहीं रहे हैं। सब जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में इस समय भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। निसंदेह भूपेश बघेल अपने स्तर पर मिन्हास की रिहाई की कार्यवाही कर रहे होंगे, लेकिन अब इस संवेदनशील मामले में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी को भी अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देना चाहिए। पिछले दिनों जब लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में चीन के साथ सीमा विवाद हुआ था, तब राहुल गांधी ने कहा था कि यदि कांग्रेस की सरकार होती तो चीन के सैनिकों को 2 दिन में खदेड़ दिया जाता। चीन की घुसपैठ के लिए राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि अब गलवान घाटी में चीन पीछे हट गया है, लेकिन राहुल गांधी का बयान अब छत्तीसगढ़ में बहुत मायने रखता है। कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह की रिहाई में राहुल गांधी महत्वपूर्ण भूनिभा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का शासन है और राहुल गांधी अपनी बुद्धिमत्ता से निर्णय ले सकते हैं। जिन नक्सलियों ने राकेश्वर सिंह को अपने कब्जे में ले रखा है , उन्हें भी राहुल गांधी से वार्ता करने में सुगमता रहेगी, क्योंकि कम्युनिस्टों की सहानुभूति हमेशा नक्सलियों के साथ रहती है और मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कम्युनिस्ट पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही है। राहुल गांधी चाहे तो बंगाल के कम्युनिस्टों की भी मदद ले सकते हैं। राहुल गांधी को नक्सलियों से वार्ता के लिए मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार से वार्ता के लिए नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने पेशकश कर दी है। कमेटी ने शांति वार्ता के लिए सरकार से मध्यस्थों के नाम उजागर करने को कहा है, यानी मध्यस्था के लिए सिर्फ राहुल गांधी के नाम की घोषणा ही करनी है। यह बात अलग है कि 22 जवानों की हत्या करने के लिए नक्सली शांति वार्ता बात कर रहे हैं, जो राहुल गांधी चीन की सेना को 2 दिन में खदेड़ने की हिम्मत रखते हैं, उनके लिए कुछ नक्सलियों से राकेश्वर सिंह को छुड़वाना तो आसान ही होगा। यदि राहुल गांधी राकेश सिंह की सकुशल रिहाई करवाते हैं तो उनके परिजन को बेहद खुशी मिलेगी। राहुल गांधी के लिए यह भी आसानी है कि 22 जवानों की हत्या करने वाले नक्सली छत्तीसगढ़ में ही रह रहे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (07-04-2021)
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