उधर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देशभर में सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द और स्थगित हुई तो इधर जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लिया। अभी भी संतुष्ट नहीं है कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी। राज्य शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली में राजनीतिक हालातों को समझने की कमी।
14 अप्रैल को दोपहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की परीक्षा रद्द और 12वीं की परीक्षा को स्थगित करने का निर्देश दिया तो 14 अप्रैल की रात को ही जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय ले लिया। सीबीएसई की परीक्षा 4 मई तथा राजस्थान बोर्ड की परीक्षा 6 मई से शुरू होनी थी। सीएम गहलोत पर राज्य बोर्ड की परीक्षा स्थगित करने का नैतिक दबाव भी था। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर सीबीएसई की परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। जब केन्द्र सरकार ने सीबीएसई की परीक्षा को रद्द और स्थगित करने का निर्णय लिया तो सीएम गहलोत को भी मजबूर राज्य बोर्ड की परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। हालांकि मुख्यमंत्री के फैसले से एक दिन पहले 13 अप्रैल को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली ने बकायदा एक प्रेस नोट जारी कर दृढ़ता के साथ कहा था कि राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं 6 मई को निर्धारित समय पर ही होंगी। विज्ञप्ति में परीक्षाओं को स्थगित करने की मीडिया की खबरों को अफवाह बताया गया। जारौली ने यह बयान तब जारी किया, जब कोरोना संक्रमण का हवाला देकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सीबीएसई की परीक्षा रद्द करने की मांग कर चुके थे। जारौली की भले ही बोर्ड अध्यक्ष पद पर राजनीतिक नियुक्ति हुई हो, लेकिन जारौली में राजनीतिक हालात समझने की कमी है। जिन परीक्षाओं को प्रियंका गांधी और राहुल गांधी रद्द करने की मांग कर चुके हो, उन परीक्षाओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने प्रदेश में कैसे करवा सकते हैं? क्या इतनी समझ भी बोर्ड अध्यक्ष जारोली में नहीं है? जारोली को अपनी बुद्धिमता का अंदाजा इसी से लगा लेना चाहिए कि 14 अप्रैल को सुबह अखबारों में परीक्षा होने वाला उनका बयान छपा और इसी दिन शाम को मुख्यमंत्री ने बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित कर दी।
प्रियंका गांधी अभी भी संतुष्ट नहीं:
हालांकि केन्द्र सरकार ने सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद्द और 12वीं की परीक्षा को 30 मई तक स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी इस निर्णय से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। प्रियंका का कहना है कि जिस प्रकार 10वीं की परीक्षा के बारे में स्पष्ट निर्णय लिया गया है,उसी प्रकार 12वीं की परीक्षा पर भी निर्णय लेना चाहिए। कोरोना काल में बच्चों को ज्यादा दिनों तक तनाव में नहीं रखा जा सकता। प्रियंका गांधी अब भले ही 12वी की परीक्षा पर भी 10वीं की तरह निर्णय चाहती हों, लेकिन राजस्थान में सीएम गहलोत ने अभी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को सिर्फ स्थगित किया है। यानि गहलोत सरकार का निर्णय प्रियंका गांधी की मंशा के अनुरूप नहीं हुआ है। गहलोत के निर्णय से राजस्थान में 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के विद्यार्थी तनाव में रहेंगे। बोर्ड की इन दोनों परीक्षाओं में प्रदेशभर के करीब 22 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हुए हंै।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-04-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9602016852
To Contact- 9829071511