राजनीति में रहकर साहित्यकार और इतिहासकार की भूमिका निभा रहे हैं ओंकार सिंह लखावत। राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के दो बार अध्यक्ष रहते हुए ऐतिहासिक और अनूठे काम किए हैं। इस समय भी प्रदेश भाजपा की अनुशासन समिति के अध्यक्ष हैं।
कहने को तो पूर्व राज्यसभा सदस्य ओंकार सिंह लखावत राजस्थान भाजपा की अनुशासन समिति के प्रदेशाध्यक्ष हैं, लेकिन पिछले 10 माह से स्वास्थ्य कारणों से लखावत राजनीति में सक्रिय नहीं है। प्रदेश भाजपा के रणनीतिकार माने जाने वाले लखावत की भूमिका प्रदेश के तीन उपचुनाव में भी देखने को नहीं मिली। लखावत भले ही राजनीति में सक्रिय नहीं हो, लेकिन साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में सोशल मीडिया के माध्यम से लखावत की सक्रियता बनी हुई है। सब जानते हैं कि भाजपा के शासन में लखावत को दो बार राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। दोनों ही कार्यकाल में लखावत ने प्रदेशभर में ऐतिहासिक और अनूठे काम किए। आजादी का आंदोलन हो या पहले मुगलों के शासन में जिन साहित्यकारों और कलाकारों ने ऐतिहासिक भूमिका तो निभाई लेकिन उनका उल्लेख कहीं नहीं हो पाया, ऐसे देशभक्त और इतिहासकारों के कार्यों को प्रदेश में उजागर करने का काम लखावत ने प्राधिकरण के माध्यम से किया। लखावत ने ऐसे लोगों के 50 से भी ज्यादा पैनोरमा (स्मारक या प्रतीक चिन्ह) बनवाए। अब पेनोरमा और उससे जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां लखावत अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट कर रहे हैं। ऐसी जानकारियां लोगों को रुचिकर लग रही हैं। लखावत चारण जाति से ताल्लुक रखते हैं। लखावत ने अजमेर में माकड़वाली रोड पर चारण शोध संस्था की स्थापना भी की है। तब प्रदेशभर के चारण साहित्यकारों के साहित्य को एकत्रित करने में लखावत ने बहुत मेहनत की। इतिहास में चारणों की छवि को मिजाजपुर्सी वाले कवि के तौर पर प्रस्तुत की, लेकिन लखावत ने चारण लेखकों, कवियों और साहित्यकारों की अलग ही तस्वीर समाज के सामने रखी। लखावत ने कहा कि अपने राज्य की सुरक्षा और सम्मान के लिए चारण कवियों ने राजपूत राजा महाराजाओं को अपनी ओजस्वी वाणी से प्रोहत्साहित किया। चारण शोध संस्था में ऐसी अनेक दुर्लभ पांडुलिपियां हैं, जिनसे पता चलता है कि चारणों कवियों और साहित्यकारों की इतनी ऐतिहासिक भूमिका रही है। लखावत ने सोशल मीडिया पर अब ऐसे चारण साहित्यकारों के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं। कई जानकारियां तो रोंगटे खड़े कर देने वाली है। चारण साहित्य पर लखावत ने स्वयं पुस्तकें भी लिखी हैं। लखावत भले ही राजनीति में सक्रिय न हो, लेकिन उन्होंने स्वयं को साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में व्यस्त रखा है। लखावत इन दिनों अपने अजमेर स्थित निवास पर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से लखावत किसी से मुलाकात नहीं कर रहे, लेकिन मोबाइल नम्बर 9414007610 पर अपनी सुविधा से संवाद भी करते हैं। लखावत को मोबाइल नम्बर 7073654499 पर वाट्सएप संदेश दिया जा सकता है। मालूम हो कि लखावत के पुत्र उमरदान लखावत अजमेर के मशहूर वकील हैं। लखावत अजमेर नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष भी रहे हैं। अजमेर शहर को विस्तार देने में लखावत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कोटड़ा, पंचशील, चन्दबरदाई जैसे आवासीय कॉलोनियों का श्रेय लखावत को ही जाता है।S.P.MITTAL BLOGGER (18-04-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511