श्री सीमेंट के प्लांट से ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से ब्यावर में गुस्सा। अफसरशाही के सामने जनप्रतिनिधियों की भी सुनवाई नहीं हो रही। अजमेर में बेवजह घूमने वाले भी फैला रहे हैं कोरोना। क्वारंटीन सेंटर में 8 व्यक्ति संक्रमित निकले।
अजमेर जिले के सबसे बड़े उपखंड और प्रदेश की औद्योगिक नगरी माने जाने वाले ब्यावर के लोगों में पाली प्रशासन की दादागिरी को लेकर भारी गुस्सा है। कोरोना काल में जब ऑक्सीजन जीवन बचाने का साधन बन गया है, तब ब्यावर के लोगों को श्री सीमेंट के प्लांट से ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं। श्री सीमेंट का सबसे बड़ा प्लांट ब्यावर में ही है। इसी से जुड़ा सीमेंट का एक प्लांट ब्यावर से 32 किलोमीटर दूर रास गांव में लगाया गया है। रास गांव पाली जिले में आता है, इसलिए रास के ऑक्सीजन प्लांट का अधिग्रहण पाली प्रशासन ने कर लिया है। श्री सीमेंट ने रास में ऑक्सीजन प्लांट अपने सामाजिक सरोकारों के तहत शुरू किया था। प्रबंधन को उम्मीद थी कि ऑक्सीजन के सिलेंडरों का वितरण जरूरतमंद लोगों को किया जाएगा और इसमें ब्यावर के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन अब श्री सीमेंट प्रबंधन को भी अफसोस है कि ब्यावर के लोगों को सिलेंडर उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। अब पाली प्रशासन अपनी मर्जी से सिलेंडरों का वितरण कर रहा है। सूत्रों की माने तो श्री सीमेंट के ऑक्सीजन प्लांट का अधिग्रहण करवाने में प्रदेश के मुख्य सचिव निरंजन आर्य की भूमिका रही है। आर्य स्वयं पाली जिले के सोजत के रहने वाले हैं। पाली प्रशासन अब आर्य के निर्देश पर ही ऑक्सीजन सिलेंडरों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर तक में भेज रहा है। पाली जिले के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में भी मुख्य सचिव के निर्देश पर ही सिलेंडर बांटे जा रहे हैं। चूंकि मुख्य सचिव का सीधा दखल है इसलिए अजमेर के जनप्रतिनिधियों की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ब्यावर की सांसद दीया कुमारी विधायक शंकर सिंह रावत, भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा आदि भी कई बार मांग कर चुके हैं कि श्री सीमेंट प्लांट के सिलेंडर ब्यावर को उपलब्ध करवाए जाए। लेकिन इन जनप्रतिनिधियों की मांग अफसरशाही ने रद्दी की टोकरी में फेंक दी है। ब्यावर के सरकारी अमृतकौर अस्पताल में प्रतिदिन 70 सिलेंडरों की जरूरत है, लेकिन मुश्किल से 25 सिलेंडर ही मिल रहे हैं। अजमेर का जिला प्रशासन भी श्री सीमेंट के प्लांट से ऑक्सीजन लाने में असमर्थ है। खास बात ये है कि श्री सीमेंट के प्लांट में प्रतिदिन 200 ऑक्सीजन के सिलेंडर तैयार होते हैं। पूर्व में श्री सीमेंट प्रबंधन ने ब्यावर को प्रतिदिन 50 सिलेंडर दिलाने का वादा किया था, लेकिन पाली प्रशासन के सामने श्री सीमेंट प्रबंधन भी बेबस है। प्रबंधन चाहते हुए भी ब्यावर को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। ब्यावर के लोगों ने प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का ध्यान भी आकर्षित किया है, लेकिन इसके बावजूद भी श्री सीमेंट के प्लांट से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। श्री सीमेंट के ऑक्सीजन के प्लांट पर केन्द्र सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।बेवजह घूमने वाले भी फैला रहे हैं कोरोना:अजमेर शहर की सड़कों पर लॉकडाउन के दौरान बेवजह घूमने वालों को अब क्वारंटीन सेंटरों में रखा जा रहा है। पुलिस ने 4 मई को जिन व्यक्तियों को जयपुर रोड स्थित राजस्व प्रशिक्षण केन्द्र पर क्वारंटीन किया गया था, उनमें से 8 व्यक्तियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब इन व्यक्तियों को घरों पर क्वारंटीन करने की व्यवस्था की गई है। सड़कों पर बेवजह घूमने वालों की कोरोना जांच भी करवाई जा रही है। इस जांच से पता चलता है कि बेवजह घूमने वाले भी कोरोना फैला रहे हैं। सरकार ने लॉकडाउन इसलिए लागू किया है कि लोग अपने घरों पर ही रहे ताकि संक्रमण न फैले। लेकिन सरकार की इस मंशा पर बेवजह घूमने वाले पानी फेर रहे हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (05-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511