राजस्थान में भाजपा के बागियों को उम्मीदवार बना सकती है कांग्रेस। इसलिए उम्मीदवारों की घोषणा में कोई जल्दबाजी नहीं। विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ से भाजपा के विकास चौधरी को उम्मीदवार बनाया था। नरेंद्र सिंह रावत ने भी अजमेर से दावेदारी जताई।

अभी लोकसभा चुनावी की अधिकृत घोषणा भी नहीं हुई कि भाजपा ने देश भर में 195 और राजस्थान में 25 में से 15 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि सहयोगी दलों के साथ गठबंधन अंतिम चरण में है। गठबंधन पूरा हो जाने के बाद ही कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। जानकार सूत्रों की माने तो कांग्रेस की नजर भाजपा के बागियों पर लगी हुई है। भाजपा ने राजस्थान में जिन 15 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं उन्हें चूरू भी शामिल हैं। यहां मौजूदा सांसद राहुल कसवा का टिकट काट कर देवेंद्र झाझरिया को उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि अभी राहुल कसवा ने बगावत के कोई संकेत नहीं दिए हैं लेकिन माना जा रहा है कि राहुल कसवा का संवाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस विधायक दल के नेता टीकाराम जूली से बना हुआ है। हो सकता है कि कांग्रेस कसवा का चूरू से अपना उम्मीदवार बना दे। भाजपा ने जिन संसदीय क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित किए हैं उनमें कांग्रेस अब बागियों की तलाश कर रही है। कांग्रेस को लगता है कि भाजपा के बागी को टिकट देने से भाजपा समर्थकों के वोट भी मिल जाएंगे। कांग्रेस ने ऐसा प्रयोग गत विधानसभा के चुनाव में अजमेर के किशनगढ़ में किया था। किशनगढ़ से मौजूदा सांसद भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बनाए जाने पर युवा नेता विकास चौधरी ने खुली बगावत की और रातों रात कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर कांग्रेस का टिकट प्राप्त कर लिया। विकास चौधरी न केवल उम्मीदवार बने बल्कि विधायक भी चुन लिए गए। भाजपा के सांसद को हराने के कारण कांग्रेस की राजनीति में विकास चौधरी का ग्राफ तेजी से बढ़ गया और इसलिए अब  विकास चौधरी को अजमेर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। यह बात अलग है कि अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी भी अपना दावा मजबूती के साथ पेश कर रहे हैं। चौधरी ने हाल ही में राहुल गांधी से भी मुलाकात की है। सूत्रों के अनुसार भाजपा की ओर से जब सभी 25 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे तब कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि गत दो बार से प्रदेश की सभी 25 सीटों पर भाजपा की जीत हो रही है। 2019 में भले ही राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही हो, लेकिन फिर भी कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी। असल में 2014 से जनता के सामने लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का चेहरा होता है। इसलिए भाजपा के उम्मीदवार को फायदा मिलता है। जनता ने भले ही विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को वोट दिया हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में मोदी की वजह से भाजपा को वोट मिल जाता है। कांग्रेस इस स्थिति को समझती है इसलिए भाजपा के बागियों को उम्मीदवार बनाए जाने की रणनीति पर काम हो रहा है। 
रावत का भी दावा:
अजमेर संसदीय क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनने के लिए रावत समुदाय के नरेंद्र सिंह रावत ने भी दावा प्रस्तुत किया है। 30 वर्षों तक सरकारी नौकरी करने के बाद रावत वर्ष 2023 से भाजपा की राजनीति में सक्रिय हैं। रावत की पत्नी शिक्षा के व्यवसाय से जुड़ी हुई है। रावत का कहना है कि पूर्व में रासा सिंह रावत अजमेर से पांच बार सांसद चुने गए इसलिए उनका दावा मजबूत है। मौजूदा समय में भी अजमेर संसदीय क्षेत्र से एक विधायक सुरेश सिंह रावत भाजपा के हैं। संसदीय क्षेत्र में रावतों की संख्या को देखते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। अपने दावे के समर्थन में प्रदेश और राष्ट्रीय नेताओं से संपर्क साधा है। मोबाइल नंबर 9214925309 पर नरेंद्र सिंह रावत से और अधिक जानकारी ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (04-03-2024)
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