जब कोटा में टैंकर से 28 टन ऑक्सीजन आ सकता है तो अजमेर में क्यों नहीं? अजमेर में भाजपा के पांच विधायक और सांसद हैं। चिकित्सा मंत्री भी अजमेर के ही हैं। मित्तल अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती शुरू, लेकिन ऑक्सीजन की कमी बरकरार।
12 मई को राजस्थान के कोटा में टेकर के जरिए 28 टन ऑक्सीजन पहुंच गई। इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचने से कोटा के सरकारी और निजी अस्पतालों में फिलहाल ऑक्सीजन का संकट टल गया है। गुजरात के जामनगर से ऑक्सीजन के टैंकर मंगवाने में कोटा के सांसद और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला की खासी भूमिका रही है। असल में कोटा में सांसद बिरला और प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के बीच बेहतर तालमेल है। जब बिरला ने अपने प्रभाव से कोटा में एकमुश्त 28 टन ऑक्सीजन भिजवाई तो धारीवाल की वजह से राज्य सरकार ने भी कोई ऐतराज नहीं किया। वैसे जब अधिकांश शहरों में सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई हो रहा है, तब टैंकर से एक ही दिन में 28 टन ऑक्सीजन एक ही जिले के लिए प्राप्त होना बहुत मायने रखता है, वह भी तब जब प्रदेशभर में एक एक सिलेंडर के लिए मारामारी हो रही है। सवाल उठता है कि क्या ऐसे टैंकर अजमेर में नहीं आ सकते? आखिर अजमेर में भी कोटा की तरह लोकसभा के सांसद भाजपा के हैं और शांति धारीवाल की तरह ही प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी अजमेर के ही हैं। अजमेर में तो भाजपा के पांच विधायक हैं, जो केन्द्र सरकार में दबदबा रखते हैं। नसीराबाद के विधायक रामस्वरूप लांबा भले ही पहली बार विधायक बने हों,लेकिन वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल चौथी बार, शंकर सिंह रावत तीसरी बार तथा सुरेश रावत दूसरी बार के विधायक हैं। यानी भाजपा के इन जनप्रतिनिधियों में राजनीतिक समझ की कोई कमी नहीं है और पांचों विधायकों ने केन्द्र सरकार से ऑक्सीजन मंगवाने के लिए क्या प्रयास किए? क्या कभी इन जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त तौर पर दिल्ली में किसी राजनेता अथवा अधिकारी के समक्ष अजमेर की मांग रखी? ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने की जिम्मेदार राज्य सरकार की है, यह कह कर भाजपा के जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। यदि ऐसा ही होता तो फिर ओम बिरला भी 28 टन ऑक्सीजन अपने संसदीय क्षेत्र में क्यों ले जाते? असल में जो स्थिति भाजपा के जनप्रतिनिधियों की हैवो ही स्थिति अजमेर में कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों की है। यूं कहने को प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अजमेर के केकड़ी से विधायक हैं, लेकिन फिर भी अजमेर के लोगों को ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। राजनीतिक दृष्टि से अजमेर की स्थिति इतनी कमजोर हैं कि 18 वर्ष की उम्र वालों को जिले के किशनगढ़ और ब्यावर उपखंडों में वैक्सीन ही नहीं लगाई जा रही है। जहां तक विकास के मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों के तालमेल का सवाल है तो भाजपा और कांग्रेस की बात तो बहुत दूर की है, कांग्रेस के दोनों विधायकों में ही तालमेल नहीं है। मसूदा के विधायक राकेश पारीक सचिन पायलट गुट के हैं, इसलिए सत्ता में होते हुए भी सत्ता से बाहर हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र मसूदा के विजयनगर के सरकारी अस्पताल में ही चिकित्सकों का अभाव है। समुचित चिकित्सक नहीं होने से लोग परेशान हैं, लेकिन न मंत्री जी को और न विधायक को चिंता है।हो रही है, नए मरीजों की भर्ती:ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे अजमेर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल में अब कोविड के नए मरीजों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन अभी अस्पताल के 50 बेड खाली पड़े हैं। 40 बेड पर भर्ती मरीज की जब छुट्टी होती है, तो उसके बेड पर नए मरीज को भर्ती कर लिया जाता है। अस्पताल के निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि अस्पताल में 90 कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के चलते 40 मरीजों को ही भर्ती रखा जा रहा है। यदि ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाएगी तो मित्तल अस्पताल में एक साथ 90 कोविड मरीजों को इलाज संभव हैं। ऑक्सीजन की कमी से जिला प्रशासन को भी अवगत करवा दिया गया है। मित्तल ने बताया कि 25 मई तक 5 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर भी आ जाएंगे, तब नए मरीजों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन संक्रमित मरीजों के लंग्स में इन्फेक्शन ज्यादा होता है उन्हें सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होती है। ऐसे में मरीज को ज्यादा ऑक्सीजन की जरुरत होती है। एक मिनट में 30 लीटर तक ऑक्सीजन देना होता है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511