इसे कहते हैं नाखून कटा कर शहीदों की सूची में नाम लिखवाना। जब अजमेर के जेएलएन अस्पताल में 125 बेड खाली और प्रशासन के पास 300 ऑक्सीजन सिलेंडर सरप्लस हैं, तब दरगाह कमेटी ने शहर से 10 किलोमीटर दूर 50 बेड का कोविड केयर सेंटर खोला। कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने केंद्रीय मंत्री नकवी तक को बेवकूफ बनाया। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की तो मजबूरी रही।

एक कहावत है, नाखून कटा कर शहीदों की सूची में नाम लिखवाना। यानी कुछ किए बगैर ही सम्मान प्राप्त कर लेना। ऐसी ही कहावत 20 मई को अजमेर स्थित विश्व विख्यात ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का आंतरिक प्रबंधन संभालने वाली दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने चरितार्थ किया है। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि यह दरगाह कमेटी केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करती है। पठान ने वाहवाही लूटने के लिए 20 मई को अजमेर शहर से 10 किलोमीटर दूर कायड़ विश्राम स्थली (उर्स मेले में जायरीन के ठहरने का स्थान) पर 50 बेड का कोविड केयर सेंटर शुरू किया है। यानी इस सेंटर पर कोविड मरीजों का इलाज होगा। इस सेंटर के शुभारंभ पर एक वर्चुअल समारोह भी हुआ, जिसमें दिल्ली से केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुभकामनाएं दी तो जयपुर से राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा जुड़े। लेकिन यह कोविड सेंटर तब शुरू किया है, जब अजमेर के सरकारी जेएलएन अस्पताल में ही रोजाना 125 बेड खाली रहने लगे हैं तथा जिला प्रशासन के पास भी 300 ऑक्सीजन सिलेंडर सरप्लस हैं। पहले जहां प्रतिदिन 800 पॉजिटिव मरीज दर्ज हो रहे थे, वहां अब दो सौ दर्ज हो रहे हैं। यानी अब कोविड मरीजों के इलाज में कोई परेशानी नहीं है। इसमें कोई दो राय नहीं कि 15 मई से पहले अजमरे में हालात बेहद खराब थे। लेकिन तब दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान जयपुर और कोटा में आराम फरमाते रहे और जब हालात सामान्य हो गए तो कायड़ विश्राम स्थली पर 50 बेड का कोविड सेंटर खोल रहे हैं। सवाल उठता है कि जब शहर में सरकारी अस्पताल में 125 बेड खाली पड़े हैं, तब कोविड मरीजों को 10 किलोमीटर दूर कायड़ विश्राम स्थली में क्यों भेजा जाएगा? यदि केंद्रीय मंत्री नकवी को अजमेर की ताजा स्थिति बताई जाती तो वे कभी अमीन पठान के हाथों बेवकूफ नहीं बनते। जब नकवी ने ऐसे कोविड सेंटर के उद्घाटन पर अपनी शुभकामनाएं दी है तो मंत्री होने के नाते उनकी भी जिम्मेदारी है। जहां तक प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का समारोह में शामिल होने का सवाल है तो इसे रघु की मजबूरी ही कहा जाएगा। अमीन पठान राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी बने हुए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत हैं। चूंकि अमीन पठान की घुसपैठ सीएम हाउस तक हैं, इसलिए चिकित्सा मंत्री के पद के अनुरूप समारोह नहीं होने के बाद भी रघु को वर्चुअल उपस्थित रहना पड़ा। हालांकि पठान की तरकीबों से रघु शर्मा वाकिफ हैं और रघु को अच्छी तरह पता है कि अब अजमेर में कोविड सेंटर की जरूरत नहीं है। भले ही जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग ने कोविड सेंटर की अनुमति दे दी हो, लेकिन सवाल उठता है कि दरगाह कमेटी के कोविड सेंटर के लिए चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी कहां से आएंगे? चिकित्सकों की तो जेएलएन अस्पताल में ही कमी है और जब मरीज ही नहीं जाएंगे तो चिकित्सा कर्मी क्या करेंगे? इसे अमीन पठान का मजाक की कहा जाएगा कि दरगाह कमेटी ने स्वयं के कोष से एक रुपया भी खर्च नहीं किया है। जो 50 बेड विश्राम स्थली पर रखे गए हैं, उन्हें भी दरगाह कमेटी के गेस्ट हाउस या इधर-उधर से जुगाड़ कर लाया गया है। अमीन पठान को यदि अजमेर की इतना ही चिंता थी, तो तब आना चाहिए था, जब संक्रमित व्यक्तियों की मौतें हो रही थीं। पिछले एक माह से लॉकडाउन लगा हुआ है। तब जरुरत होने पर अमीन पठान कहीं भी नजर नहीं आए और अब जब कोविड सेंटर की कोई जरूरत नहीं है, तब वाहवाही लूटने के लिए सेंटर खोलने का दिखावा कर रहे हैं। पठान के ऐसे कृत्यों से केन्द्रीय मंत्री नकवी की इमेज भी खराब हो रही है। .P.MITTAL BLOGGER (20-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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