पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को राजस्थान के कोटा और बीकानेर के कलेक्टरों ने झूठलाया। अपने प्रदेश के कलेक्टरों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नहीं भेजने वाली ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री के सामने कठपुतली बनकर बैठे रहते है मुख्यमंत्री। कोरोना वायरस बहरुपिया और धूर्त प्रवृत्ति का है-पीएम मोदी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंस को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो बयान दिया उसे राजस्थान के कोटा के कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ और बीकानेर के कलेक्टर नमित मेहता ने झुठला दिया है। पीएम मोदी ने 20 मई को कोरोना संक्रमण पर देश के 10 राज्यों के 54 जिला कलेक्टरों से वीसी के जरिए संवाद किया था। इस संवाद में इन राज्यों के मुख्यमंत्री भी वर्चुअल उपस्थित रहे। लेकिन पीएम की वीसी के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वीसी में सिर्फ भाजपा शासित राज्यों के जिला कलेक्टरों को ही बोलने का अवसर दिया गया। ममता ने कहा कि इसलिए मैंने अपने प्रदेश के जिला कलेक्टरों को वीसी में उपस्थित ही नहीं होने दिया। ममता ने कहा कि पीएम की वीसी में प्रदेशों के मुख्यमंत्री कठपुतली बनकर बैठे रहते हैं। ममता का यह बयान जब राष्ट्रीय चैनलों पर प्रसारित हो रहा था, तभी राजस्थान में प्रादेशिक चैनलों पर कोटा और बीकानेर के कलेक्टरों का संबोधन प्रसारित हो रहा था। ये दोनों कलेक्टर भी 20 मई को प्रधानमंत्री की वीसी में शामिल थे। इन दोनों कलेक्टरों ने बताया कि उन्होंने किस प्रकार अपने जिले के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। यहां यह उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। यानी पीएम मोदी की वीसी में कांग्रेस शासित राज्यों के जिला कलेक्टरों को बोलने का अवसर दिया गया। ममता बनर्जी तो खुद कह रही हैं उन्होंने अपने कलेक्टरों को वीसी में भेजा ही नहीं। सवाल उठता है कि जब बंगाल के कलेक्टर शामिल ही नहीं हुए तो फिर बोलने का अवसर कैसे मिलता? 15 मई को जब प्रधानमंत्री कार्यालय से बंगाल के मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए थे, तभी सीएम ममता बनर्जी ने एतराज जता दिया था। तब ममता का कहना रहा कि प्रधानमंत्री का जिला कलेक्टरों से सीधा संवाद संघीय ढांचे के प्रावधानों के विरुद्ध है।बहरुपिया और धूर्त है वायरस:20 मई को देश के 54 जिला अधिकारियों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस बहरूपिया और धूर्त प्रवृत्ति का है। यह वायरस बार बार अपना रूप बदलता है। इसलिए अब जिला अधिकारियों को भी अपनी तैयारी डायनेमिक करनी होगी। पीएम ने माना कि हो अधिकारी फील्ड में काम कर रहा है उनका अपना अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि जिला अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से निपटने के अपने अनुभव लिखने चाहिए। ताकि भविष्य में किसी आपदा के समय ऐसे रिकॉर्ड को देखा जा सके। पीएम ने कलेक्टरों से कहा कि वे अपने अनुभव उनके साथ भी साझा करें। पीएम का कहना रहा कि वैक्सीन की उपलब्धता की 15 दिनों की जानकारी राज्यों को उपलब्ध करवाई जा रही है। जिला अधिकारियों को योजना बनाकर अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवाने चाहिए। यदि वैक्सीन का एक डोज खराब होता है तो हम एक व्यक्ति को वैक्सीन से वंचित करते हैं। जिला अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे वैक्सीन का सदुपयोग करें। पीएम ने कहा कि यदि ग्रामीणों को संक्रमण को रोकने के बारे में अच्छी तरह समझाए तो शहर के मुकाबले में गांव में ज्यादा असर होता है। पीएम की वीसी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए।S.P.MITTAL BLOGGER (20-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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