गुरु ग्रंथ साहिब के तीन पावन स्वरूप अफगानिस्तान से भारत लाना बहुत मायने रखता है। इससे भारत में धर्म के महत्व को समझा जा सकता है।

तालिबान के कब्जे के बाद जब अफगानिस्तान में मानव का जीवन संकट में तब भारत सरकार के प्रयासों से अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के तीन पावन स्वरूप नई दिल्ली लाए गए हैं। 24 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को ग्रहण किया। इन तीनों ग्रंथों को दिल्ली में न्यू महावीर नगर के गुरुद्वारे में रखा गया है। अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को लाने से भारत में धर्म के महत्व को समझा जा सकता है। ये पावन ग्रंथ तब लाए गए हैं, जब अफगानिस्तान से लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है। तालिबान लड़ाकों से घबराए हजारों लोग काबुल एयरपोर्ट के बाहर खड़े हैं। तालिबान के लड़ाके जब चाहे, तब लोगों पर गोलियां चला देते हैं। अफगानिस्तान में जान बचाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे विपरीत माहौल में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को लगातार लाया जा रहा है। 24 अगस्त को भी 74 लोगों में 44 सिक्ख हैं, जो अफगानिस्तान में रह रहे थे, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद हिन्दू सिक्खों का अफगानिस्तान में रहना मुश्किल हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में हिन्दू सिक्ख भी भारत आ रहे हैं। सिक्खों को पता है कि तालिबान के लड़ाके गुरु ग्रंथ साहिब का सम्मान नहीं करेंगे। पावन ग्रंथों के साथ कोई बेअदबी न हो इसलिए उन्हें भी भारत लाया गया है। केंद्र सरकार ने पावन ग्रंथों को लाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। 24 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे 44 सिक्ख अफगानियों ने पावन ग्रंथों के सुरक्षित आने पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया। अफगानिस्तान के गुरुद्वारों के सेवादारों का कहना था कि इस समय पावन ग्रंथों का साथ लाना मुश्किल था, लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों से यह संभव हो सका है। असल में भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। यहां सभी धर्मों के लोग अपने धर्म के अनुरूप रह सकते हैं। यहां सभी धर्मों का सम्मान है, इसलिए सिक्ख अफगानियों के साथ साथ पावन ग्रंथों को भी लाया गया है, जबकि अफगानिस्तान में अब ऐसी सोच का कब्जा हो गया है जो सिर्फ अपनी विचारधारा को ही अमल में लाते हैं। यही वजह है कि अफगानिस्तान से मुस्लिम समुदाय के लोग भी निकालना चाहते हैं। सबसे ज्यादा खतरा मुस्लिम महिलाओं की स्वतंत्रता को हैं। लेकिन इसके बावजूद भी भारत के कुछ मुस्लिम नेता तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। अच्छा हो कि ऐसे नेता कुछ दिनों के लिए अफगानिस्तान चले जाए, ताकि उन्हें सही हालातों की जानकारी हो सके। आज भारत में रहने वाले लाखों सिक्ख इस बात से खुश है कि एक मुस्लिम देश से उनके पावन ग्रंथ सुरक्षित आ गए हैं। गुरु ग्रंथ साहिब का जाना अफगानिस्तान के लिए शुभ संकेत नहीं है। कई मौकों पर ऐसे पावन ग्रंथ मनुष्य को मुसीबत से बचाते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (24-08-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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