राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का फैसला अब कांग्रेस हाईकमान करेगा। यानी सीएम अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे में खोदा पहाड़, निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हुई। तीन दिन दिल्ली में रुकने के बाद भी सीएम गहलोत की मुलाकात राहुल गांधी से नहीं हो सकी। पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने के लिए अमित शाह तक का फोन आया है-गहलोत।

उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे के बाद राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का रास्ता साफ हो जाएगा। सीएम गहलोत 9 नवंबर की रात से ही दिल्ली में हैं। 10 नवंबर को प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद 11 नवंबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से भी गहलोत ने मुलाकात की। लेकिन सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद गहलोत ने जो कुछ भी कहा उससे खोदा पहाड़ निकली चुहिया कहावत चरितार्थ हुई है। गहलोत ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का फैसला अब कांग्रेस हाईकमान करेगा। ऐसे मुद्दों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष से चर्चा होती रहती है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन जयपुर आकर मुझसे मिलते रहते हैं और हमारी बातों को हाईकमान तक पहुंचाते हैं। मैंने भी अपनी बात सामान्य तरीके से राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष रखी दी है। अब हाईकमान जो कहेगा वो ही हम करेंगे। गहलोत ने कहा कि मौजूदा समय में मेरी सरकार राजस्थान में बहुत अच्छा काम कर रही है। यही वजह है कि हाल ही के दो विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस की जीत तो हुई ही, साथ ही भाजपा के उम्मीदवार तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। इससे सरकार की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस पर एक पत्रकार ने सवाल किया – जब आपकी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है तो फिर मौजूदा मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की भी क्या जरूरत है? इस पर अशोक गहलोत अपनी हंसी नहीं रोक पाए और हाथ जोड़कर नमस्कार करते हुए कार में बैठ गए। मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चाहे कितना भी शोर मचाया जाए, लेकिन गहलोत ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस में वो ही होगा जो वो चाहेंगे। भले ही प्रतिद्वंदी पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहें। गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी से मुलाकात का मकसद देश के मौजूदा हालातों पर चर्चा करना था। आज देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग, डर का माहौल बनाने जैसे पुराने आरोप एक बार फिर दोहराए।राहुल गांधी से नहीं हो सकी मुलाकाता:सीएम गहलोत लगातार तीन दिन से दिल्ली में हैं, लेकिन उनकी मुलाकात गांधी परिवार के प्रभावशाली सदस्य राहुल गांधी से नहीं हो सकी है। जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी इन दिनों विदेश दौरे पर है। सवाल उठता है कि राहुल गांधी से विचार विमर्श के बगैर क्या राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियां हो सकती है? राहुल गांधी से विचार विमर्श कितना महत्वपूर्ण है यह बात 11 नवंबर को खुद सीएम गहलोत ने दिल्ली में कही। गहलोत ने कहा कि मैं 16 अक्टूबर को भी दिल्ली आया था। लेकिन मेरी मुलाकात राहुल गांधी से नहीं हुई। लेकिन फिर भी अखबारों में छपा की मैंने राहुल गांधी से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि राजस्थान में बदलाव से पहले सीएम गहलोत एक बार राहुल गांधी के साथ भी विचार विमर्श करेंगे।वैट कम करने के लिए शाह का फोन:11 नवंबर को सीएम गहलोत ने दिल्ली में बताया कि राजस्थान में पेट्रोल डीजल पर वैट कम करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक का फोन आया है। मुझे कैबिनेट सचिव ने भी फोन कर वैट कम करने के लिए कहा है। लेकिन मेरा कहना है कि केंद्र सरकार को पेट्रोल डीजल पर अभी और एक्साइज ड्यूटी कम करनी चाहिए। केंद्र ने 25 रुपए की वृद्धि कर मात्र पांच रुपये एक्साइज ड्यूटी कम की है और अब राज्यों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वैट में कटौती की जाए। जबकि हकीकत यह है कि एक्साइज ड्यूटी के कम होने के साथ ही राज्य में वैट स्वत: ही कम हो जाता है। केंद्र ने हाल ही में एक्साइज ड्यूटी में जो कटौती की है उससे राजस्थान में सालाना 18 सौ करोड़ रुपए के राजस्व की कमी होगी। गहलोत ने माना कि पड़ोसी राज्यों में वैट में कमी होने के बाद उन्हें भी वैट घटाना पड़ेगा, लेकिन केंद्र सरकार को यह गारंटी लेनी चाहिए कि तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के मूल्यों में वृद्धि नहीं करेंगी। केंद्र ने पहले ही सुनियोजित तरीके से राज्य के राजस्व में कटौती कर दी है। S.P.MITTAL BLOGGER (11-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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