किसान आंदोलन में प्रधानमंत्री को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो रुख अपनाया, उस पर अब कोविड सहायकों के प्रकरण में गहलोत खुद अमल क्यों नहीं करते? कोविड सहायकों का 28वें दिन भी जयपुर में धरना जारी रहा। खून से लिखे पत्र।
28 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर राजस्थान भर के बर्खास्त कोविड सहायकों का धरना लगातार 28वें दिन भी जारीरहा। 28 अप्रैल को धरना स्थल पर ही सैकड़ों युवाओं ने अपना खून निकाला और उस खून से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखे। जब कोविड सहायक अपना खून निकाल कर पत्र लिख रहे थे, तब धरना स्थल का माहौल गमगीन हो गया। जगह जगह खून देखने को मिल रहा था। सवाल उठता है कि गत वर्ष हुए किसान आंदोलन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जो रुख था, उस रुख पर अब गहलोत अमल क्यों नहीं करते हैं? किसान आंदोलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के प्रतिनिधियों से नहीं मिलने पर गहलोत आए दिन पीएम मोदी की आलोचना करते थे। तब गहलोत का कहना रहा कि मोदी घमंडी और असंवेदनशील हैं, इसलिए किसानों से मुलाकात नहीं कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब लंबे समय से धरने पर बैठे किसानों से प्रधानमंत्री बात तक नहीं कर रहे हैं। गहलोत ने जो बात नरेंद्र मोदी के लिए कही वह अब उन पर लागू हो रही है। प्रदेशभर के 28 हजार कोविड सहायकों को गत 31 मार्च को हटाया गया। कोविड सहायक एक अप्रैल से ही जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं, लेकिन 28 दिन गुजर जाने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड सहायकों से बात नहीं की है। क्या सीएम गहलोत घमंडी और असंवेदनशील नहीं हैं? किसान तो दिल्ली की सीमाओं पर बैठे थे, जबकि कोविड सहायक तो मुख्यमंत्री गहलोत की नाक के नीचे बैठे हैं। कोविड सहायकों की बहाली हो या नहीं लेकिन सीएम गहलोत कम से कम बात तो कर सकते हैं। सीएम की बेरुखी से 28 हजार कोविड सहायकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। कोविड सहायक तब धरना दे रहे हैं, जब जयपुर का तापमान 45 डिग्री है। धरना स्थल पर महिलाएं भी है। कुछ महिलाएं तो अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ मौजूद है। यदि किसी महिला या बच्चे की स्थिति खराब हो जाएगी तो कौन जिम्मेदार होगा? मालूम हो कि कोरोना काल में तो सरकार ने 8 हजार रुपए प्रतिमाह के पारिश्रमिक पर प्रशिक्षित नर्सिंग कर्मियों को कोविड सहायक के तौर पर अनुबंध के आधार पर नियुक्ति दी थी। लेकिन ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को 31 मार्च को अचानक हटा दिया।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511