राजस्थान के 28 हजार बर्खास्त कोविड सहायक अब उदयपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय चिंतन शिविर का घेराव करेंगे। पिछले 37 दिनों से जयपुर में धरना दे रहे हैं।
7 मई को राजस्थान के बर्खास्त कोविड सहायकों का धरना जयपुर के शहीद स्मारक पर 37वें दिन भी जारी रहा। लगातार धरना दिए जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने से कोविड सहायकों में भारी रोष व्याप्त है। 7 मई को धरना स्थल पर ही सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 13 से 15 मई के बीच उदयपुर में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय चिंतन शिविर का घेराव किया जाएगा। 12 मई को ही कोविड सहायक अधिक से अधिक संख्या में उदयपुर पहुंच सकें इसकी रणनीति भी बनाई गई। कोविड सहायकों के प्रतिनिधियों ने माना कि राज्य सरकार कोविड सहायकों को उदयपुर आने से रोकेगी। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोविड सहायक गोपनीय तरीके से उदयपुर पहुंचेंगे। प्रतिनिधियों ने कहा कि कांग्रेस के चिंतन शिविर का मजबूरी में घेराव करना पड़ रहा है। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है, लेकिन लगातार 37 दिन के धरने के बाद भी सरकार पर कोई असर नहीं हुआ है। जयपुर के शहीद स्मारक पर हजारों की संख्या में कोविड सहायक धरने पर बैठे हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। जब राजस्थान में तापमान 45 डिग्री के पार है, तब भीषण गर्मी में महिला पुरुष धरने पर बैठे हैं। महिलाओं के साथ उनके छोटे बच्चे भी हैं। लेकिन सरकार को बच्चों और महिलाओं की भी कोई चिंता नहीं है। सीएम गहलोत एक और कोरोना काल में अच्छे इंतजामों के लिए स्वयं की सरकार को श्रेय देते हैं, लेकिन वहीं कोरोना काल में जिन 28 हजार कोविड सहायकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया उन्हें गत 31 मार्च को बर्खास्त कर दिया गया। सभी कोविड सहायक प्रशिक्षित नर्सिंग कर्मी है। सरकार ने जब भर्ती की तब ऐसे नर्सिंग कर्मी निजी अस्पतालों में कार्यरत थे। लेकिन सरकारी नौकरी की लालसा में निजी अस्पतालों की नौकरी छोड़ दी। सरकार ने एक ही झटके में सभी को बर्खास्त कर दिया। राज्य सरकार कोविड सहायकों को मात्र 7 हजार 900 रुपए प्रतिमाह पारिश्रमिक दे रही थी। कोविड सहायकों का कहना है कि वे उसी पारिश्रमिक पर काम करने को तैयार है। प्रतिनिधियों ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि चिंतन शिविर में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात की जाए। सोनिया गांधी को यह बताया जाएगा कि प्रदेश के 28 हजार स्वास्थ्य कर्मी भूखों मरने की स्थिति में है। कोविड सहायक कोई स्थाई नौकरी की मांग नहीं कर रहे हैं, वे तो सिर्फ अपनी बहाली चाहते हैं। सरकार की शर्तों पर काम करने को तैयार है। प्रतिनिधियों ने बताया कि चार-पांच माह का पारिश्रमिक भी बकाया है।
सरकार की चिंता बढ़ी:
कोविड सहायकों की घोषणा के बाद राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। चूंकि कोविड सहायक हजारों की संख्या में जयपुर में एकत्रित हैं, इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस के चिंतन शिविर में बड़ी संख्या में कोविड सहायक जाएंगे। शिविर में सोनिया गांधी के अतिरिक्त राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित चार सौ बड़े नेता भाग लेंगे। यानी संपूर्ण कांग्रेस उदयपुर में मौजूद रहेगी। ऐसे में यदि कोविड सहायक शिविर स्थल का घेराव करते हैं तो इससे अनेक समस्याएं खड़ी हो सकती है। राज्य में फैल रहे कांग्रेस सरकार के प्रति असंतोष की जानकारी भी राष्ट्रीय नेतृत्व को होगी। हालांकि सरकार का यह प्रयास होगा कि किसी भी कोविड सहायक को शिविर स्थल के आसपास न जाने दिया जाए।
S.P.MITTAL BLOGGER (07-05-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511