कांग्रेस में युवाओं को तरजीह देने वाले संकल्प को हार्दिक पटेल के इस्तीफे से झटका। हार्दिक का इस्तीफा गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा की विफलता भी है।

उदयपुर में 13 से 15 मई के बीच हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय चिंतन शिविर में युवाओं को तरजीह देने का संकल्प भी लिया गया। कहा गया कि अब संगठन के पचास प्रतिशत पदों पर युवाओं की नियुक्ति होगी। इतना ही नहीं चुनाव में 50 प्रतिशत टिकट भी 50 वर्ष से कम उम्र वाले कार्यकर्ताओं को ही दिया जाएगा। लेकिन युवाओं को तरजीह देने वाले इस संकल्प को गुजरात के कार्यवाहक अध्यक्ष हार्दिक पटेल के इस्तीफे से झटका लगा है। 18 मई को हार्दिक पटेल ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया। इस इस्तीफे में पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। राम मंदिर, अनुच्छेद 370, सीएए, एनआरसी, जीएसटी जैसे देशहित के मुद्दों पर भी कांग्रेस पार्टी विरोध के लिए विरोध कर रही है। पार्टी ने जनता के समक्ष विकास का कोई रोडमैप प्रस्तुत नहीं किया है। मैंने जब कभी गुजरात के लोगों के लिए पार्टी के बड़े नेताओं से संवाद किया तो ऐसे नेता या तो मोबाइल पर या अन्य चीजों पर व्यस्त रहे। कांग्रेस के बड़े नेता ऐसा बर्ताव करते हैं, जिससे प्रतीत होता है कि वे गुजरातियों से नफरत करते हैं। पटेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने युवाओं को भरोसा तोड़ा है, इसलिए आज युवा भी कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहता। चूंकि कांग्रेस पार्टी गुजरात के लिए कुछ भी नहीं करना चाहती इसलिए मैं अब गुजरात के लिए कुछ अलग करना चाहता हंू। असल में पिछले कई दिनों से हार्दिक पटेल कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। उनकी नाराजगी तब और बढ़ गई, जब राजस्थान के कांग्रेसी नेता रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया गया। रघु शर्मा ने गुजरात कांग्रेस में जो राजनीतिक गतिविधियां की उससे हार्दिक पटेल की नाराजगी और बढ़ी। अब यह नाराजगी इस्तीफे के रूप में सामने आई है। हार्दिक पटेल का इस्तीफा तब आया है, जब गुजरात में छह माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। हार्दिक पटेल गुजरात में पटेल समुदाय के प्रभावी नेता है। हार्दिक के नेतृत्व में ही पटेलों के लिए आरक्षण का आंदोलन भी चला था। गत विधानसभा चुनाव में हार्दिक ने कांग्रेस के लिए बहुत काम किया, इसका परिणाम रहा कि गुजरात में कांग्रेस को 77 सीटें प्राप्त हुई। लेकिन इसके बाद हार्दिक पटेल को कांग्रेस में सम्मान नहीं मिला। अपनी पीड़ा को हार्दिक ने कई बार राष्ट्रीय नेताओं के समक्ष भी रखा, लेकिन गुजरात की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। हार्दिक पटेल और उनके समर्थक गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा के व्यवहार से भी नाराज रहे। सूत्रों के अनुसार हार्दिक पटेल अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं। यदि हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल होंगे तो यह कांग्रेस को दोहरा नुकसान होगा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (18-05-2022)
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