अजमेर में रेलवे स्टेशन के सामने अंडरपास के निर्माण पर निर्णय नहीं। अजमेर के जिन क्षेत्रों में वाहन पहुंच रहे हैं, उन्हीं में कचरा संग्रहण शुल्क लिया जाएगा।

अजमेर के जिला कलेक्टर और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ अंश दीप ने कहा है कि रेलवे स्टेशन के सामने तथा फुट ओवर ब्रिज के नीचे प्रस्तावित अंडर पास के निर्माण पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इस संबंध में जल्द ही स्मार्ट सिटी और आरएसआरडीसी के इंजीनियरों की बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाएगा। कलेक्टर ने माना कि बरसात के दिनों में नला बाजार से आने वाला पानी मदार गेट के घंटा घर के सामने से होकर रेलवे स्टेशन की ओर ही जाता है। ऐसे में यदि अंडर पास बनेगा तो बरसात का पानी अंडरपास में भी जाएगा। प्रस्तावित अंडरपास से होने वाली समस्याओं की ओर शहर के व्यापारियों ने भी ध्यान आकर्षित किया है। कलेक्टर ने कहा कि शहर हित में जो होगा वही किया जाएगा। 
फिजीवल नहीं है अंडरपास:
प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन के सामने फुट ओवर ब्रिज के नीचे अंडरपास का निर्माण फिजीवल नहीं है। स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों ने पूर्व में आंकलन किया था, तब भी बरसात में अंडरपास में पानी भरे रहने की बात सामने आई थी। असल में नला बाजार से जो पानी आता है उसके निकास का कोई विकल्प नहीं है। मौजूदा समय में भी बरसात के दिनों में रेलवे स्टेशन के सामने बरसात का पानी भरा रहता है। यदि अंडरपास का निर्माण किया गया तो बरसात में पानी ही भरा रहेगा। जानकारों की मानें तो अंडरपास का निर्माण करने वाले आरएसआरडीसी और स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों के बीच तालमेल का अभाव है। फिजीवल नहीं होने के बाद भी स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों ने अंडरपास बनाने के आदेश नहीं दिए हैं। 300 करोड़ रुपए की लागत वाले एलिवेटेड रोड का कार्य स्मार्ट सिटी ने आरएसआरडीसी को दे रखा है। एलिवेटेड रोड के अंतर्गत ही अंडरपास बनना प्रस्तावित है। तालमेल के अभाव के कारण ही एलिवेटेड रोड के निर्माण में भी विलंब हो रहा है। एलिवेटेड तक के निर्माण के कारण पिछले तीन वर्ष से अजमेर के स्टेशन रोड, कचहरी रोड, पीआर मार्ग और आगरा गेट क्षेत्र के व्यापारियों का कारोबार ठप पड़ा है। लेकिन व्यापारियों की परेशानी की किसी को चिंता नहीं है। 
कचरा संग्रहण शुल्क:
अजमेर राजस्थान के उन शहरों में शामिल है, जहां कचरा संग्रहण शुल्क वसूलना शुरू हो गया है। सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर होटल, रेस्टोरेंट, दुकानदार, समारोह स्थल आदि तक के मालिकों से कचरा संग्रहण शुल्क की दरें निर्धारित की है। कचरा संग्रहण शुल्क की वसूली का व्यापारियों ने विरोध भी किया है, लेकिन व्यापारियों के विरोध को दरकिनार कर नगर निगम ने शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। शुल्क वसूलने का काम ठेके पर दिया गया है इसलिए ठेकेदार के कार्मिक दुकानदारों से बदजुबानी भी कर रहे हैं। शहर के उन क्षेत्रों के दुकानदारों से भी शुल्क वसूला जा रहा है, जहां कचरा संग्रहण के लिए वाहन नहीं आते हैं। इस संबंध में व्यापारियों ने नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी रूपाराम चौधरी का ध्यान आकर्षित किया है। चौधरी का कहना है कि जिन क्षेत्रों में वाहन नहीं आ रहे हैं,वहां फिलहाल शुल्क नहीं लिया जाएगा। चौधरी ने कहा कि आमतौर पर शहर भर में प्रतिदिन कचरा संग्रहण के लिए वाहन आते हैं। लेकिन कुछ गली अथवा बाजारों के हिस्सों में वाहन नहीं आने की शिकायतें भी मिली है। उन्होंने कहा कि संबंधित ठेकेदार को निर्देश दिए जा रहे हैं कि जिन क्षेत्रों में वाहन सुविधा नहीं है, वहां के घरेलू और व्यवसायिक उपभोक्ताओं से कचरा संग्रहण शुल्क नहीं लिया जाए। चौधरी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में वाहन नहीं आ रहे हैं, उनकी जानकारी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध करवाई जाए। ऐसे सभी क्षेत्रों में जल्द से जल्द वाहन उपलब्ध करवाए जाएंगे। चौधरी ने शहरवासियों से अपील की है कि अजमेर को स्वच्छ रखने के लिए निर्धारित शुल्क अदा करने में सहयोग करे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (19-06-2022)
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