सोमालिया की होटल हयात पर मुंबई जैसा आतंकी हमला। आतंकी संगठन अल शबाब की करतूत। यह संगठन अल कायदा से जुड़ा है और अल कायदा भारत में सक्रिय है। अमरीका के संरक्षण के बाद अल शबाब का हमला।
हालांकि पूर्वी अफ्रीका का देश सोमालिया भारत की जमीन से हजारों किलोमीटर दूर है,लेकिन जब किसी मुस्लिम देश में कोई घटना घटती है तो उसका असर भारत पर भी पड़ता है। सोमालिया की राजधानी मोगादिशु की होटल हयात पर 20 अगस्त को आतंकी हमला हुआ। यह हमला वैसा ही है जैसा 26/11 को भारत के मुंबई में ताज होटल पर हुआ था। आतंकियों ने ताज होटल की तरह हयात होटल में भी लोगों को बंधक बना लिया। आतंकियों ने 20 से भी ज्यादा निर्दोष लोगों को मार दिया है। इसमें सोमालिया के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। आतंकी होटल के अंदर से लगातार फायरिंग कर रहे हैं। हयात होटल पर हमला आतंकी संगठन अल शबाब ने किया है। अल शबाब का संबंध अलकायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से है। सब जानते हैं कि भारत में भी अलकायदा सक्रिय है। अलकायदा के आतंकी नेटवर्क में शामिल लश्कर-ए-तैयबा, अल बदर आदि संगठनों को भारत में फंडिंग होती है। जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन भी भारत में आतंकी वारदातें करते रहते हैं। हाल ही में पूरी दुनिया ने देखा कि आतंकी संगठन तालिबान ने किस तरह मुस्लिम राष्ट्र अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। आज अफगानिस्तान के हालात किसी से छिपे नहीं है। पूर्वी अफ्रीका में सक्रिय आतंकी संगठन अल शबाब ने भी सोमालिया के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। जानकारों की माने तो सोमालिया में सरकार के मुकाबले अल शबाब संगठन की स्थिति ज्यादा मजबूत है। कारोबारी जिस प्रकार सरकार को टैक्स चुकाते हैं, उसी प्रकार अल शबाब संगठन को भी टैक्स चुकाना होता है। सोमालिया में अल शबाब को टैक्स चुकाए बगैर कोई भी व्यक्ति अपना कारोबार नहीं कर सकता है। चूंकि सोमालिया में सरकार की स्थिति कमजोर है इसलिए अमरीका भी सरकार की मदद करता है। आतंकवाद को समाप्त करने में लगे अमरीका ने हाल ही में सोमालिया में अल शबाब के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की है। 15 से भी ज्यादा लड़को को मारा है। अमरीका ने ही पिछले दिनों अल शबाब से जुड़े अलकायदा के प्रमुख अल जवाहिरी को अफगानिस्तान में मार डाला। अंतर्राष्ट्रीय जानकारों का मानना है कि अफगानिस्तान में अल जवाहिरी की मौत का बदला लेने के लिए ही अल शबाब ने सोमालिया की होटल पर मुंबई जैसा हमला किया है। होटल हयात में अधिकांश बंधक और मरने वाले मुसलमान ही हैं। भारत में तुष्टीकरण की राजनीति के चलते आतंकी संगठनों के हिमायती भी देखने को मिल जाते हैं। चूंकि भारत में मुस्लिम आबादी करीब 25 करोड़ है। इसलिए मुस्लिम राष्ट्र में होने वाली घटनाओं का असर भारत पर भी होता है। जो लोग कट्टरपंथी संगठनों का समर्थन करते हैं, उन्हें अफगानिस्तान सोमालिया जैसे राष्ट्र में हो रही आतंकी घटनाओं से सबक लेना चाहिए। असल में आतंक का कोई धर्म नहीं होता है। आतंकी संगठन अपनी विचारधारा थोपने के लिए किसी की भी हत्या कर देते हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (20-08-2022)
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