भारत की सनातन संस्कृति के प्रतीक बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। केदारनाथ मंदिर में किया अनुष्ठान। प्रकृति ने भी मोदी का अभिवादन किया। गीता और बाइबल भी जिहाद की शिक्षा देती हैं-शिवराज पाटिल। इसलिए कांग्रेस लगातार हार रही है।

21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भारत की सनातन संस्कृति का जर्बदस्त प्रदर्शन किया। दीपावली के मौके पर अपनी तीन दिवसीय धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा के तहत मोदी पहले दिन 21 अक्टूबर को केदारनाथ धाम पहुंचे। एक सनातनी की तरह मोदी सुबह सुबह ही बाबा के मंदिर में पहुंच गए। हिमाचली संस्कृति की प्रतीक चोला डोरा ड्रेस पहन कर मोदी ने मंदिर में पूजा अर्चना की। आदिकाल में जब सनातन संस्कृति कमजोर पड़ रही थी, तब आदि शंकराचार्य ने चारों दिशाओं में धर्मपीठ स्थापित कर हमारे वेद पुराणों का प्रचार प्रसार किया। 21 अक्टूबर को मोदी ने केदारनाथ धाम परिसर में लगी आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के भी दर्शन किए। बाबा के दरबार में हर श्रद्धालु आ सके, इसके लिए मोदी ने 34 हजार करोड़ रुपए की कनेक्टिविटी परियोजना का शिलान्यास भी किया। रोपवे के निर्माण से मात्र 30 मिनट में दिर तक पहुंचा जा सके। अभी 19 किलोमीटर के पहाड़ी सफर को पूरा करने में 8 घंटे लगते हैं। यानी आठ घंटे का सफर मात्र 30 मिनट का हो जाएगा। मोदी की पहल पर उत्तराखंड के चारों प्रमुख धामों को सड़क मार्ग से जोड़ने का कार्य पहले से ही चल रहा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण, बनारस में मंदिर का जीर्णोद्धार, उज्जैन में महाकाल का विशाल कॉरिडोर के कार्य देशवासियों के सामने हैं। यानी सनातन संस्कृति का परचम फैलाने में मोदी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। देश की विपरीत परिस्थितियों में भी मोदी भारत की सनातन संस्कृति के प्रतीक बने हुए हैं। ऐसा तभी संभव है, जब आध्यात्मिक शक्ति मिले। मोदी पिछले 8 वर्ष से देश के प्रधानमंत्री हैं और 6 बजार केदारनाथ धाम आ चुके हैं। मोदी बाबा के मंदिर में सिर्फ दर्शन ही नहीं करते, बल्कि कई घंटो का अनुष्ठान भी करते हैं। मोदी की सनातन भक्ति को देखते हुए 21 अक्टूबर को प्रकृति ने भी मोदी का अभिवादन किया। 19 अक्टूबर से ही केदारनाथ में बर्फबारी हो रही है, लेकिन 21 अक्टूबर को सुबह केदारनाथ धाम में लोगों ने धूप का अहसास किया। आसमान एकदम साफ देखा गया। यही वजह रही कि मोदी ने शांति और सद्भाव  के साथ पूजा अर्चना की। तय कार्यक्रम के अनुसार मोदी 21 अक्टूबर को रात्रि विश्राम बद्रीनाथ में करेंगे। 22 अक्टूबर को चीन की सीमा से लगे भारत के अंतिम गांव माणा का जायजा लेंगे। 23 अक्टूबर को छोटी दीपावली पर मोदी भगवान राम के जन्म स्थल अयोध्या में होंगे। इस दिन अयोध्या में पांच लाख दीपक जला कर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। दीपावली पर अयोध्या में मोदी की उपस्थिति भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगी। मोदी इस दौरान मंदिर निर्माण कार्यों का जायजा भी लेंगे। मोदी की इस धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा से देश विदेश में रहने वाले सनातनी  भी बेहद उत्साहित हैं। 
जिहाद की शिक्षा देती है गीता:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा है कि महाभारत पर लिखी गीता जिहाद करने की शिक्षा देती है। पाटिल ने बाइबल को भी  जिहाद की शिक्षा देने वाला धार्मिक ग्रंथ बताया। शिवराज पाटिल ऐसे तर्क कहां से लाए हैं, यह तो वे ही जाने, लेकिन कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों से ही पार्टी लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। नरेंद्र मोदी जहां भारत की सनातन संस्कृति को मजबूत करने वाले कार्य करते हैं, वहीं कांग्रेस के नेता हमारी संस्कृति को अपमानित और नीचा दिखाने वाले बयान देते हैं। शिवराज पाटिल को यह समझना चाहिए कि गीता कभी भी किसी निर्दोष व्यक्ति की गर्दन काटने की शिक्षा नहीं देती है। पाटिल ने गीता का अध्ययन समझदारी से नहीं किया है। गीता तो हमें कर्तव्य पथ पर चलने की शिक्षा देती है। क्या शिवराज पाटिल ने यह बयान सिर्फ गांधी परिवार को खुश करने के लिए दिया है?

S.P.MITTAL BLOGGER (21-10-2022)
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