वरिष्ठ अध्यापक पेपर लीक में क्या आरपीएससी को जांच के दायरे में लाया जाएगा? प्रश्न तो आरपीएससी से ही लीक हुए। गिरफ्तार शेर सिंह मीणा की सदस्य बाबूलाल कटारा से निकटता।

राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा गत वर्ष दिसंबर ली गई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के प्रकरण में 6 अप्रैल को एसओजी ने एक और आरोपी शेर सिंह मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। पहले जब भूपेंद्र सारण को गिरफ्तार किया गया था, तब सारण ने बताया कि पेपर शेर सिंह मीणा ने उपलब्ध करवाए हैं। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से मीणा को गिरफ्तार कर लिया। इस प्रकरण में अभी भी मुख्य आरोपी सुरेश ढाका फरार है। हो सकता है कि जांच एजेंसियां अब सुरेश ढाका की गिरफ्तार का इंतजार करे। मालूम हो कि वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा गत वर्ष चौबीस दिसंबर को हुई थी। यानी साढ़े तीन माह गुजर जाने के बाद भी पुलिस असली आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। जानकार सूत्रों के अनुसार पेपर लीक अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग के मुख्यालय से हुआ है। आरोपियों के पास जो प्रश्न पहुंचे वे छपे हुए प्रश्न पत्र के नहीं थे बल्कि मूल प्रश्न थे। यही प्रश्न असली प्रश्न पत्र में लिखे गए थे। इससे प्रतीत होता है कि आयोग में जो प्रश्न पत्र तैयार हुआ वही लीक हो गया। इस मामले में गंभीर बात यह है कि गिरफ्तार शेर सिंह मीणा के संबंध आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा से बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियों के पास ऐसे सबूत है कि जिन से कटारा और मीणा के बीच निकटता है। सवाल उठता है कि क्या जांच एजेंसियां आयोग के किसी सदस्य से इस मामले में पूछताछ करेंगी? सब जानते हैं कि आयोग ने सदस्यों की नियुक्ति राजनीतिक आधार पर भी होती है। मौजूदा समय में जो पांच सदस्य हैं, वे सभी कांग्रेस सरकार द्वारा नियुक्त किए गए हैं। बाबू लाल कटारा आदिवासी शोध संस्था के उपनिदेशक के पद पर कार्यरत थे और उन्हें सीधे आयोग का सदस्य नियुक्त कर दिया गया। सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा और पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी  संगीता आर्य  भी आयोग की सदस्य हैं। यह सही है कि एसओजी ने कड़ी मशक्कत कर शेर सिंह मीणा को गिरफ्तार किया है, लेकिन पेपर आउट होना तभी रुकेगा जब असली गुनहगारों को पकड़ा जाएगा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित रीट परीक्षा का प्रश्न पत्र भी आउट हुआ था, लेकिन तब भी असली गुनाहगार बच गए। सरकार ने बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त तो किया, लेकिन असली गुनहगारों पर हाथ नहीं डाला। खुद जारोली ने स्वीकार किया था कि पेपर लीक राजनीतिक संरक्षण की वजह से हुआ है। रीट घोटाले में मंत्रियों तक के नाम उछले थे, लेकिन किसी को भी जांच के दायरे में शामिल नहीं किया गया। यह सही है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने एनटी चीटिंग एक्ट बनाया गया। लेकिन अभी तक भी इस कानून में किसी भी आरोपी को सजा नहीं मिली है। पिछले चार वर्षों में 18 परीक्षाओं के प्रश्न पत्र आउट हुए हैं। इससे लाखों युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (07-04-2023)
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