पायलट के अनशन में जुटे कांग्रेसियों से रघु और राठौड़ अजमेर में अपनी राजनीतिक हैसियत का अंदाजा लगा लें।

सत्ता के संरक्षण के कारण केकड़ी के विधायक रघु शर्मा और पुष्कर का विधायक बनने का सपना देख रहे आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ पिछले कुछ दिनों स्वयं को अजमेर जिले का सबसे बड़ा नेता समझने लगे हैं। इन दिनों उनके पैर जमीन पर नहीं टिक रहे हैं। प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी भी इन दोनों नेताओं के इशारे पर कोई भी कत्थक नृत्य करने को तैयार है, लेकिन 11 अप्रैल को जयपुर में सचिन पायलट के एक दिवसीय अनशन में जुट कांग्रेस नेताओं की संख्या से रघु और राठौड़ को अजमेर में राजनीतिक हैसियत का अंदाजा लगा लेना चाहिए। सत्ता के घमंड में रघु शर्मा और धर्मेन्द्र राठौड़ ने सचिन पायलट का अपमान करने की कोई कसर नहीं छोड़ी। पायलट जब डिप्टी सीएम और प्रदेशाध्यक्ष थे, तब पायलट के विरोध की शुरुआत ही रघु शर्मा ने की थी। धर्मेन्द्र राठौड़ ने तो पायलट को गद्दार तक कहा। 11 अप्रैल को पायलट के अनशन पर जिले के 16 पीसीसी सदस्यों में से 12 मौजूद रहे। इसी प्रकार अधिकांश ब्लॉक और मंडल अध्यक्ष मौजूद रहे। सैकड़ों कार्यकर्ता अपने खर्चे पर जयपुर पहुंचे। अजमेर उत्तर पर भी बुरी नजरों से देखने वाले धर्मेन्द्र राठौड़ के रवैये से खफा महेंद्र सिंह रलावता ने अनशन स्थल पर पायलट के साथ न केवल फोटो खिंचवाया बल्कि वाहनों में भर कर कार्यकर्ताओं को भी ले गए। कहा जा सकता है कि रघु और धर्मेन्द्र राठौड़ को छोड़कर अजमेर जिले के अधिकांश कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता सचिन पायलट के साथ है। कांग्रेसियों ने यह उपस्थिति तब दर्ज करवाई है, जब प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी करार दे दिया था। यानी जयपुर जाने वाले नेताओं ने पहली प्राथमिकता पायलट को दी है। रघु और धर्मेन्द्र माने या नहीं लेकिन यह प्राथमिकता विधानसभा चुनाव तक रहेगी। रघु और राठौड़ का चुनाव में यही पायलट समर्थक कार्यकर्ता क्या हश्र करेंगे, इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है। केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के गुर्जर समुदाय के लोग तो पहले भी रघु के विरुद्ध नाराजगी जता चुके हैं। यही वजह है कि रघु शर्मा अपने साथ पायलट समर्थक मसूदा के विधायक राकेश पारीक को साथ लेकर घूमते हैं। लेकिन पारीक, रघु को अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। पायलट ने अनशन में कार्यकर्ताओं को पहुंचाने के लिए पारीक की खूब मेहनत की है। रघु और राठौड़ को भी अब अहसास हो गया होगा कि सत्ता का फायदा उठाने वाले ही उनके साथ है। कांग्रेस के प्रमुख नेता तो पायलट के साथ ही हैं। पुष्कर की पूर्व विधायक नसीम अख्तर अपने पति इंसाफ अली के साथ हज पर हैं, लेकिन अपने पुत्र अशरा इंसाफ को पायलट के अनशन में भेजा। इसी प्रकार नसीराबाद के पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर और गुर्जर नेता एडवोकेट हरिसिंह गुर्जर ने भी अपने समर्थकों के साथ अनशन पर उपस्थिति दर्ज करवाई। 

S.P.MITTAL BLOGGER (12-04-2023)
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