राजस्थान में कांग्रेस सरकार के सचिवालय से 7 हजार 298 नोट 2000 वाले मिले, इसलिए 2000 के नोट बंद किए गए हैं। ऐसे नोट भ्रष्ट नौकरशाही और नेताओं के पास ही है। जांच कार्यवाही पर ईडी की नजर। 100 यूनिट बिजली फ्री मिल जाने से खुश हो जाने वाले व्यक्ति के पास 2000 का नोट कहां से आएगा?
19 मई की शाम 7 बजे केंद्र सरकार ने देश में 2000 वाला नोट बंद करने की घोषणा की, तो कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा, केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि किस मंशा से नोट बंद किए जा रहे हैं। हालांकि आरबीआई ने 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंक में जमा कराने की छूट दी है, लेकिन सीएम गहलोत ने जो सवाल उठाया है उसका जवाब 19 मई की रात को ही 11 बजे राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, जयपुर के पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और सीएम अशोक गहलोत के सबसे चहेते आईपीएस दिनेश एमएन (एडीजी क्राइम) ने दे दिया है। इन सब अफसरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सचिवालय से सटे योजना भवन में बेसमेंट में रखी अलमारी से दो करोड़ 31 लाख रुपए और एक किलो के वजन वाली सोने की ईंट मिली है। 2 करोड़ 31 लाख रुपए में 7 हजार 298 नोट 2000 वाले हैं, जिनकी कुल राशि एक करोड़ 45 लाख 96 हजार होती है, शेष राशि 500 के नोट की है। सीएम गहलोत को अब समझ में आ जाना चाहिए कि केंद्र सरकार ने 2000 के नोट बंद क्यों किए हैं? असल में 2000 के नोट भ्रष्ट नौकरशाह और राजनेताओं के पास ही जमा है। दो करोड़ 31 लाख रुपए भी गहलोत सरकार के किसी अफसर के ही है। यह अफसर भी सरकार का चहेता, होगा तभी सचिवालय से सटे योजना भवन की अलमारी में इतनी बड़ी राशि रखने की हिम्मत दिखाई है। योजना भवन भी मुख्यमंत्री के अधीन आता है। इसलिए बरामद राशि के बारे में सीएम गहलोत को ही सफाई देनी चाहिए। यदि यह नगरीय विकास और खान विभाग के दफ्तरों से मिलती तो मंत्री शांति धारीवाल और प्रमोद जैन जवाबदेह होता लेकिन यह राशि अशोक गहलोत के प्रभार वाले विभाग से मिली है तो मुख्यमंत्री को ही जवाब देना चाहिए। हालांकि अशोक गहलोत की छवि शांति धारीवाल और प्रमोद जैन जैसी नहीं है, लेकिन फिर भी सचिवालय परिसर से सटे भवन में इतनी बड़ी राशि मिलना बहुत गंभीर बात है। गंभीर बात को समझते हुए ही सरकार के आला अधिकारियों को रात 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी। गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र गुड्डा, विधायक रामनारायण मीणा, भरत सिंह तो पहले ही कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। भ्रष्ट नौकरशाही और राजनेताओं के लिए 2000 के नोट रखना आसान होता है, किसी राज्य सरकार के सचिवालय परिसर से सोने की ईंट और दो करोड़ 31 लाख रुपए नगद मिलने की घटना संभवत देश की पहली घटना होगी। वह भी तब जब अशोक गहलोत को गांधीवादी मुख्यमंत्री माना जाता है। जहां तक 2000 के नोट बंद होने का सवाल है तो व्यक्ति 100 यूनिट बिजली फ्री मिलने से ही खुश है। उसके पास 2000 का नोट कहां से आएगा? वैसे भी सामान्य वर्ग के लोग डिजिटल पेमेंट करने लगे हैं। ताजा नोटबंदी से आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ईडी की नजर:
राजस्थान के सचिवालय परिसर से मिले दो करोड़ 31 लाख रुपए और एक किलो सोने की ईंट के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर भी लगी हुई है। जानकार सूत्रों के अनुसार ईडी के अधिकारी अभी राज्य की एजेंसियों की जांच कार्यवाही पर नजर रखे हुए हैं। हालांकि पुलिस ने सरकार के कुछ संदिग्ध कार्मिकों को पूछताछ के लिए बुलाया है। लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि इतनी बड़ी राशि किसी अधिकारी ने रखी है। आशंका है कि यह राशि भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई है। चूंकि बरामद राशि में एक करोड़ 45 लाख 96 हजार रुपए दो हजार के नोट हैं, इसलिए ईडी के अधिकारी इस मामले को गंभीरता के साथ देख रहे हैं। यदि इस मामले में ईडी का दखल होता है तो फिर राज्य सरकार के लिए भी मुसीबत बढ़ेगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (20-05-2023)
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