दिल्ली समझौते के बाद सचिन पायलट ने तो आंदोलन की घोषणा टाल दी, लेकिन अशोक गहलोत गुट ने 189 पीसीसी सदस्यों की सूची जारी कर दी। इससे पहले भी 86 प्रदेश सचिवों की सूची जारी। धैर्य तो गहलोत गुट ही नहीं रख रहा।

29 मई की रात को दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को साथ लेकर राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने घोषणा की कि राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव गहलोत और पायलट मिलकर लड़ेंगे। दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी के साथ जो वार्ता हुई, उसके बाद पायलट ने 31 मई को अपने आंदोलन की घोषणा टाल दी। जबकि गत 15 मई को पायलट ने अपनी मांगों पर गहलोत सरकार को 30 मई तक का समय दिया था। पायलट ने खडग़े और राहुल का सम्मान करते हुए भले ही आंदोलन की घोषणा टाल दी, लेनिक गहलोत गुट की ओर से आक्रामक रुख कामय है। गहलोत गुट के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 31 मई को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 189 सहवरत (मनोनीत) सदस्यों की लिस्ट जारी कर दी। यानी दिल्ली समझौत के मात्र एक दिन बाद ही सूची जारी कर दी गई। हालांकि 189 की सूची में कुछ सदस्य पायलट समर्थक भी हैं, लेकिन ज्यादातर सदस्य अशोक गहलोत को ही अपना नेता मानते हैं। 189 सहवृत सदस्य तब बनाए गए है, जब प्रदेश प्रतिनिधि के तौर पर पहले से ही चार सौ सदस्य बने हुए हैं। 29 मई को समझौता वार्ता से पहले 27 मई को 85 प्रदेश सचिवों की सूची जारी कर दी गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर गहलोत गुट अपना पूर्ण कब्जा करना चाहता है। यह तब हो रहा है, जब सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा गर्म है। कांग्रेस के राजनीतिक हालातों में 189 पीसीसी सदस्यों की नियुक्ति की टाइपिंग को लेकर अनेक चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि यह सब कार्यवाही पायलट को उकसाने के लिए है। गहलोत नहीं चाहते हैँ कि पांच माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट कांग्रेस की ओर से कोई भूमिका निभाएं। गहलोत, पायलट के बगैर ही चुनाव लड़ना चाहते हैं। गहलोत ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न कर रहे हैं, जिसमें सचिन पायलट खुद ही कांग्रेस छोड़कर चले जाएं। यह बात अलग है कि राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल अभी पायलट को महत्व दे रहे हैं। राहुल गांधी का मानना है कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पायलट का सहयोग जरूरी है। राजस्थान के मुद्दे पर अब 7 जून के बाद तब बैठक होगी, जब राहुल गांधी विदेश दौरे से लौट आएंगे। संभवत: पायलट 7 जून तक विदेश दौरे से लौट आएंगे। गहलोत ने पायलट को धैर्य रखने की सलाह दी है, लेकिन खुद गहलोत गुट ही धैर्य नहीं रख रहा है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (03-06-2023)
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