आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की लालसा की वजह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि खराब हो रही है। जिस कांग्रेस नेत्री श्रीमती नसीम अख्तर ने राहुल गांधी के साथ श्रीनगर में तिरंगा फहराया उसी नेत्री के खिलाफ अजमेर पुलिस ने 9 आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। नसीम दंपत्ति की दो हजार करोड़ की संपत्तियों की एसीबी से जांच हो-डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी।

कांग्रेस के लिए इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि जिस कांग्रेस नेत्री श्रीमती नसीम अख्तर ने राहुल गांधी के साथ श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराया उसी नेत्री के खिलाफ अजमेर के सिविल लाइन पुलिस थाने पर 9 आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह तब हुआ है जब नसीम अख्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष हैं और मंत्री भी रह चुकी हैं। हाल ही के कर्नाटक चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को लामबंद करने के लिए एआईसीसी ने नसीम को खासतौर से कर्नाटक भेजा था। सवाल उठता है कि नसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पहले क्या अजमेर पुलिस ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री अशोक गहलोत से सहमति ली। नसीम अख्तर कोई साधारण कार्यकर्ता नहीं है, उनके पीछे मुस्लिम मतदाताओं की ताकत भी है। यही वजह है कि प्रदेश भर के मुस्लिम संगठन नसीम के समर्थन में लामबंद हो रहे हैं। जगह जगह ज्ञापन दिए जा रहे हैं। नसीम का अपराध इतना बड़ा नहीं था कि पुलिस 9 धाराओं में मुकदमा दर्ज करे। नसीम ने 13 जून को कांग्रेस और सरकार के एक कार्यक्रम में पहुंचकर महंगाई राहत शिविर में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर एतराज जताया था। पुलिस ने  इस राजनीतिक घटना को गुंडा गर्दी माना और मुकदमा दर्ज कर लिया। नसीम के खिलाफ दंगे के प्रयास की धारा 147, 143, 149, सरकारी अधिकारियों को धमकाने की धारा 186 और 189, सरकारी कार्य में बाधा डालने व रुकवाने की धारा 542, 332, 353 और गाली गलौज करने की धारा 506 में मुकदमा दर्ज किया। इतना ही नहीं इस मुकदमे नसीम के पति और कांग्रेस नेता इंसाफ अली, उनके पुत्र अरशद को भी नामजद किया गया। सवाल उठता है कि इस राजनीतिक घटना के लिए पुलिस ने किसके दबाव में मुकदमा दर्ज किया। सब जानते हैं कि राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर उत्तर अथवा पुष्कर से विधानसभा का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ना चाहते हैं। राठौड़ की इस लालसा की वजह से ही अजमेर में कांग्रेस की स्थिति तार तार हो रही है। नसीम के खिलाफ भी राठौड़ के दबाव में ही मुकदमा दर्ज हुआ है। अजमेर पुलिस राठौड़ के कितने दबाव में है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राठौड़ जब अजमेर जिले की सीमा में प्रवेश करते हैं तो उन्हें पुलिस की एस्कॉर्ट उपलब्ध होती है। जबकि राठौड़ जैसे अध्यक्ष राजस्थान में पचास से भी ज्यादा हैं। जिले में जितना रुतबा प्रभारी महेंद्र जीत सिंह मालवीया का नहीं है उससे ज्यादा रुतबा राठौड़ का है। बड़े बड़े अधिकारी राठौड़ के सामने सलाम बजाते हैं। इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राठौड़ को खुला समर्थन है। गत 25 सितंबर को जब कांग्रेस के विधायकों की सामानांतर बैठक हुई तब विधायकों को एकजुट करने में राठौड़ की भूमिका रही। इसलिए मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी के साथ साथ राठौड़ को भी एआईसीसी से अनुशासनहीनता करने का नोटिस जारी हुआ था, लेकिन जानकार सूत्रों का मानना है कि सीएम गहलोत यह कभी नहीं चाहेंगे कि राजनीतिक घटनाओं के आधार पर कांग्रेस की किसी महिला पदाधिकारी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो। यह मुकदमा तब और गंभीर हो जाता है जब शिकायत करने वाला प्रशासन का अधिकारी ही हो। नसीम के खिलाफ अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के बीडीओ विजय सिंह चौहान ने पुलिस को शिकायत दी थी। सवाल उठता है कि क्या बीडीओ स्तर के एक अधिकारी में इतनी हिम्मत है कि वह सत्तारूढ़ पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा सके? जाहिर है कि चौहान की पीठ पर राठौड़ का हाथ है इसलिए कहावत चरितार्थ हो रही है। नसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना इसलिए भी गंभीर है कि नसीम ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सक्रिय भूमिका निभाई। नसीम ने राजस्थान में तो कांग्रेस पार्टी की ओर से राहुल गांधी के साथ कदम ताल की लेकिन नसीम अख्तर कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल रही जिन्होंने यात्रा के समापन पर राहुल गांधी के साथ श्रीनगर में तिरंगा फहराया। धर्मेन्द्र राठौड़ चाहते हैं कि अजमेर जिले में उन्हीं के इशारे पर कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन हो। इसलिए अभी से ही अपने विरोधियों के खिलाफ कार्यवाही करवा रहे हैं। राठौड़ के दबाव में ही प्रदेश प्रतिनिधि महेंद्र रलावता के पुत्र  शक्ति सिंह के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज हुआ था। 
पायलट गुट एकजुट:
नसीम अख्तर के खिलाफ अजमेर पुलिस ने जो कार्यवाही की है उसके विरोध में सचिन पायलट का गुट एकजुट हो गया है। 16 जून को नसीम अख्तर के समर्थन में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन और गत चुनावों में उत्तर व दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे।  सभी ने पुलिस कार्यवाही की निंदा की। इससे पहले एक रैली भी निकाली गई और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया। 
संपत्ति की जांच हो:
अजमेर में सीएम गहलोत गुट के नेताओं की ओर से 17 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस कॉन्फ्रेंस में अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली के पास दो हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। यह संपत्ति कहां से आई इस बात की जांच एसीबी के माध्यम से होनी चाहिए। चौधरी ने कहा कि इंसाफ अली तो सरकारी स्कूल के तृतीय श्रेणी के शिक्षक रहे हैं। ऐसे में इतनी संपत्ति का होना गंभीर बात है। चौधरी ने कहा कि इंसाफ दंपत्ति अब एक राजनीतिक घटना को लेकर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। प्रदेश के कई स्थानों पर मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए हैं। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो सभी पक्षों के लोगों को साथ लेकर चलते हैं। गहलोत कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते। गहलोत जब अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में कांग्रेस सरकार रिपीट करवाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तब नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली कांग्रेस के खिलाफ ही माहौल उत्पन्न कर रहे हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, डॉ. राजकुमार जयपाल, नाथूराम सिनोदिया, शैलेंद्र अग्रवाल, शक्ति सिंह पीपरोली आदि उपस्थित रहे। सभी ने नसीम दंपत्ति की गतिविधियों की कड़ी निंदा की। डॉ. बाहेती ने कहा कि मेरी मौजूदगी में इंसाफ अली ने अधिकारियों को धमकाया तथा गाली गलौज की। इस हंगामे की वजह से हमें गांधी दर्शन समिति का कार्यक्रम बीच में ही निरस्त करना पड़ा। 


S.P.MITTAL BLOGGER (17-06-2023)

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