राजस्थान के भ्रष्ट लोक सेवा आयोग को शिक्षक भर्ती की दो और परीक्षा रद्द करने में छह माह क्यों लगे? क्या अब ईडी की जांच पड़ताल से पोल खुलने का डर सता रहा है? धार्मिक व्याख्यान देने वाले कुमार विश्वास की पत्नी भी आयोग की सदस्य हैं।

भ्रष्टाचार के कारण पूरे देश में चर्चित हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 17 जून को वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के ग्रुप ए और बी के सामान्य ज्ञान की परीक्षा को भी निरस्त कर दिया है। पूर्व में ग्रुप सी की सामान्य ज्ञान की परीक्षा रद्द हो चुकी है। 17 जून को जिन दो परीक्षाओं के पेपर रद्द किए उससे प्रदेश के 5 लाख 59 हजार अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं । सवाल उठता है कि लाखों अभ्यर्थियों की परेशानी का जिम्मेदार कौन है? पेपर लीक मामले की जांच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन आने वाली राज्य पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप  (एसओजी) कर रही है। जांच पड़ताल में सामने आया है कि ग्रुप सी के पेपर लीक के प्रकरण में 24 दिसंबर 2022 को जब आरोपियों को पकड़ा था, तब यह बात सामने आ गई थी कि ग्रुप ए और बी परीक्षा के प्रश्न भी आयोग से लीक हुए हैं, लेकिन ग्रुप ए और बी की परीक्षा रद्द करने में आयोग ने छह माह का समय लगा दिए। सवाल उठता है कि इतना विलंब क्यों हुआ? जानकार सूत्रों की मानें तो ईडी की जांच पड़ताल से डर की वजह से आयोग ने दो और परीक्षाओं को रद्द किया है, क्योंकि भ्रष्ट आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा ने कोचिंग सेंटरों के मालिकों को परीक्षा के प्रश्न पत्र दिए और मामले में करोड़ों रुपए का हवाला से भी लेनदेन हुआ। ईडी लेनदेन की जांच कर रही है। जब रुपयों के लेनदेन की जांच होगी तो बेचे गए प्रश्नों की भी जांच होगी। ईडी की जांच में एसओजी जांच की पोल भी खुलेगी ? पोल खुलने और फंसने के डर की वजह से 6 माह बाद दो और परीक्षाओं को रद्द किया गया है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में अन्य परीक्षाएं भी रद्द हो। हालांकि एसओजी ने आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर लिया है और सरकार ने कटारा को बर्खास्त करने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भी भिजवा दी है। इसे भ्रष्टाचार की हद ही कहा जाएगा की परीक्षा लेने वाले आयोग का सदस्य ही कोचिंग सेंटरों को प्रश्नपत्र बेच रहा था। इससे आयोग द्वारा ली जाने वाली सभी परीक्षाओं पर प्रश्न चिन्ह लग गया है? परीक्षा के आयोजन में सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कटारा की पोल खुलने के बाद आयोग के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या अकेला एक सदस्य कोचिंग सेंटरों को प्रश्न पत्र बेच सकता है? बाबूलाल कटारा परीक्षाओं के प्रश्न अपने घर पर कैसे ले गए? क्या आयोग में इतनी पोल है कि कोई भी सदस्य प्रश्नों की चोरी कर अपने घर ले जाए? आयोग के अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकते हैं? सवाल यह भी है की कटारा की गिरफ्तारी के बाद एसओजी की जांच आगे क्यों नहीं बढ़ी? क्या अब ईडी के डर की वजह से एसओजी को भी अपनी जांच आगे बढ़ानी पड़ेगी?
कुमार विश्वास की पत्नी:
देश के सुप्रसिद्ध कवि और इन दिनों बड़े बड़े समारोह में धार्मिक प्रवचन देने वाले कुमार विश्वास की पत्नी श्रीमती मंजू शर्मा राजस्थान लोक सेवा आयोग की सदस्य हैं। मंजू शर्मा की नियुक्ति भी कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही की है। कुमार विश्वास, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं और उन्होंने 2014 में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव भी लड़ा। कुमार का कहना है कि आम आदमी पार्टी भी भ्रष्टाचार की राह पर चलने लगी है, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। देखना है कि उनकी पत्नी मंजू शर्मा भ्रष्ट आयोग से कब इस्तीफा देती है? आखिरकार सदाचार वाले व्याख्यान का पत्नी पर कुछ तो असर हो ही रहा होगा।


S.P.MITTAL BLOGGER (18-06-2023)

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